Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Jun, 2017 12:13 AM
प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकत्र्ता शबनम हाशमी ने भीड़ द्वारा मुसलमानों को पीट-पीट कर मार देने की नृशंस घटना और उनमें ...
नई दिल्ली: प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकत्र्ता शबनम हाशमी ने भीड़ द्वारा मुसलमानों को पीट-पीट कर मार देने की नृशंस घटना और उनमें दहशत फैलाने के विरोध में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार पुरस्कार आज लौटा दिया।
2008 में मिला था पुरस्कार
गैर सरकारी संगठन ‘अनहद’ की प्रमुख हाशमी ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के कार्यालय में जाकर पुरस्कार लौटा दिया। उन्हें यह पुरस्कार वर्ष 2008 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में मिला था। उन्होंने मीडिया को बताया कि जिस तरह देश में मुसलमानों के खिलाफ सांप्रदायिक उन्माद का माहौल बनाया जा रहा है और अखलाक, पहलू खान तथा अब जुनैद की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या की गई, इससे व्यथित होकर उन्होंने पुरस्कार लौटने का फैसला किया।
मुसलामानों के खिलाफ किया जा रहा है घृणित प्रचार
उन्होंने कहा पिछले कुछ सालों से हिन्दू राष्ट्र बनाने की कोशिशें चल रही हैं और उसके लिए देश में मुसलामानों के खिलाफ घृणित प्रचार किया जा रहा है जिसका नतीजा यह है कि जुनैद जैसा किशोर भी भीड़ द्वारा पीट-पीट कर सरे आम मार दिया जा रहा है और सरकार तमाशबीन बनी रहती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग इस मुद्दे पर खुलकर साथ नहीं देता और उनके अधिकारों की रक्षा नहीं कर पाता, इसलिए उसके विरोध में उन्होंने पुरस्कार लौटा दिया। इस पुरस्कार में नकद राशि शामिल नहीं है।