SYL मामले में सुनवाई, कोर्ट का यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश, पंजाब सरकार को नोटिस

Edited By Updated: 30 Nov, 2016 05:59 PM

sc also sought a report from the three receivers   next hearing on dec 15

सतलुज यमुना लिंक नहर (एसवाईएल) के निर्माण की मांग को लेकर हरियाणा की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में अाज सुनवाई हुई।

नई दिल्लीः सतलुज यमुना लिंक नहर (एसवाईएल) के निर्माण की मांग को लेकर हरियाणा की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में अाज सुनवाई हुई। जस्टिस पी.सी. घोष और अमित राय की बेंच में दोपहर बाद 3 बजे इस मामले की सुनवाई हुई जिसके बाद कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दे पंजाब सरकार को नोटिस भेजा। इस मामले की अगली सुनवाई 15 दिसम्बर को होगी।


उच्चतम न्यायालय ने सतलुज यमुना संपर्क नहर मामले में पुन: रिसीवर नियुक्त किया और उससे संबंधित भूमि पर यथास्थिति बनाए रखने के लिए पंजाब सरकार को नोटिस दिया। कोर्ट ने तीन रिसीवर से रिपोर्ट मांगी है। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि सतलुज यमुना संपर्क नहर के निमित्त भूमि का कब्जा रिसीवर नहीं लेंगे। इस मामले में केन्द्रीय गृह सचिव, पंजाब सरकार के मुख्य सचिव और पंजाब पुलिस के महानिदेशक को रिसीवर नियुक्त किया गया है।   

 

बता दें कि 21 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित ने बिना कोई कारण बताए अपने आप को इस मामले की सुनवाई से अलग कर लिया था। इसके बाद हरियाणा ने इस मामले को चीफ जस्टिस टी.एस. ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने उठाया। 

हरियाणा ने मांग की है नहर के लिए पंजाब में अधिगृहीत की जमीन की सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय गृह सचिव, पंजाब के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी के पास ही रहने चाहिए। इसके साथ हरियाणा ने सुप्रीम कोर्ट के 15 जनवरी, 2002 और 4 जून 2004 के फैसले के मुताबिक नहर के निर्माण की मांग की है। गौरतलब है कि पंजाब अौर हरियाणा के 1966 में बंटवारे के बाद से ही दोनों प्रदेशों के बीच एसवाईएल काे लेकर विवाद रहा है। हरियाणा इस नहर के निर्माण की मांग कर रहा है।


साल्वे से मिले थे बादल
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने मंगलवार को यहां वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे से मुलाकात की थी और हरियाणा के साथ एस.वाई.एल. पर चल रहे विवाद को लेकर विचार-विमर्श किया। साल्वे सुप्रीम कोर्ट में पंजाब का पक्ष रख रहे हैं।

पी.एम. से भी मिलेंगे हरियाणा के नेता
सतलुज यमुना लिंक (एस.वाई.एल.) कैनाल के माध्यम से अपने हिस्से के पानी के मसले पर अब हरियाणा के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के समक्ष प्रदेश का पक्ष रखने के बाद अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सर्वदलीय प्रतिनिधमंडल की मुलाकात के लिए प्रधानमंत्री मोदी से समय मांगा है। संकेत हैं कि प्रधानमंत्री से हरियाणा के नेताओं की मुलाकात दिसंबर के पहले-दूसरे सप्ताह में हो सकती है। 

विपक्ष के नेताओं -पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला आदि सभी ने इस बात पर जोर दिया है कि मामले को अब केन्द्र सरकार के समक्ष भी उठाना चाहिए क्योंकि एसवाईएल का निर्माण कराने की जिम्मेदारी केन्द्र की ही है। सियासी जानकारों का कहना है कि एस.वाई.एल. के मुद्दे पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर का राजनीतिक प्रबंधन कौशल भी दांव पर लगा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा हरियाणा के पक्ष में राय दे दिये जाने के बाद यह स्पष्ट है कि एस.वाई.एल. के मुद्दे पर हरियाणा कानूनी लड़ाई जीत चुका है। अब तो उसे पंजाब से अपने हिस्से का पानी लेने के लिए काम को आगे बढ़ाना है।

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