Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Sep, 2017 04:44 PM
12 सितंबर 1897 को भारतीय सेना के वीरों ने ऐसी वीरता और शौर्य का प्रदर्शन किया था कि ये जंग इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए सुनहरे अक्षरों में लिख दी गई।
फिरोजपुरः 12 सितंबर 1897 को भारतीय सेना के वीरों ने ऐसी वीरता और शौर्य का प्रदर्शन किया था कि ये जंग इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए सुनहरे अक्षरों में लिख दी गई। ये जंग सारागढ़ी की जंग थी,जिसमें ब्रिटिश सेना की 36वीं रेजीमेंट, जो अब सिख रेजीमेंट के नाम से जानी जाती है, उसके 21 सिख सैनिकों ने तकरीबन 10,000 अफगानों के पांव उखाड़ दिए थे। उन्हीं शहीदों को अाज सारागढ़ी में श्रद्धांजलि दी गई।
इस मौके करवाए गए समारोह में कैबिनेट मंत्री साधू सिंह धर्मसोत,स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू,वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल सहित आर्मी के मेजर जरनल और ब्रिटिश फौज के 15 अधिकारियों ने शिरकत की।
कैबिनेट मंत्री और मुख्य मेहमान मनप्रीत बादल और नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि सारागढ़ी के इतिहास को जल्द पंजाब शिक्षा बोर्ड पाठयक्रम में शामिल किया जाएगा जिससे आने वाली पीढ़िया भी सारागढ़ी के शहीदों को याद रख पाएं । उन्होंने कहा कि आने वाले समय में पंजाब सरकार फिरोजपुर में शहीदी स्मारकों पर करोड़ों रुपए खर्च करने जा रही है जिससे देश - विदेश से सैलानी आकर शहीदों के इतिहास को जान उन्हें नमन कर सकें।
बादल और सिद्धू ने फिरोजपुर शहर के विधायक परमिंदर सिंह पिंकी को खाली चैक देने की घोषणा कर कहा है कि अपनी मर्जी से विधायक इसे भर कर शहीदी स्मारकों का विकास करवा सकते हैं। नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि जो कौम अपने शहीदों को भूल जाती हैं वह कभी सर उठाकर नहीं चल सकतीं।