Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 May, 2017 01:06 AM
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) ने नीति आयोग के फैसलों को लेकर मोदी सरकार...
जालंधर(पाहवा): राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) ने नीति आयोग के फैसलों को लेकर मोदी सरकार से अप्रसन्नता व्यक्त की है। संघ के लेबर संगठन भारतीय मजदूर संघ ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। भारतीय मजदूर संघ ने कहा कि नीति आयोग में कार्पोरेट फायदे के लिहाज से फैसले लिए जा रहे हैं तथा लगातार डिसइन्वैस्टमैंट को फोकस किया जा रहा है जो कि गलत है।
मजदूर संघ के सचिव पवन कुमार ने केंद्र सरकार द्वारा जनपथ होटल बेचने की भी आलोचना की। पवन ने कहा कि यदि सरकार होटल का प्रबंधन नहीं कर पा रही थी तो फिर उसे इंटरप्राइजेज बनाकर उनके संगठन को प्रबंधन के लिए दे देना चाहिए था लेकिन नीति आयोग में कार्पोरेट के फायदे वाले फैसले लिए जा रहे हैं। कानपुर में मजदूर संघ के 2 दिवसीय सम्मेलन में सरकार के फैसलों का विरोध करने का निर्णय लिया गया। आगामी 22-23 जून को प्रदर्शन की चेतावनी दी गई है।
संघ ने मांग की कि नीति आयोग में किसान, वर्कर और ग्रामीण परिवेश के लोगों को सदस्य बनाया जाए। पवन कुमार के अनुसार नीति आयोग असली भारत का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। इससे पहले भी संघ के श्रम संगठन ने मोदी सरकार की आलोचना की है, हालांकि अभी तक मजदूर संघ ने सरकार के खिलाफ कोई बड़ा आंदोलन नहीं किया है। कानपुर में आयोजित हुई अपनी 3 दिवसीय नैशनल कॉन्फ्रैंस में पारित प्रस्ताव में मजदूर संघ ने कहा कि कृषि आय पर टैक्स लगाने का सुझाव देने से पता चलता है कि नीति आयोग का रवैया एग्रीकल्चर को लेकर कैसा है।
आयोग के इस सुझाव को सरकार ने तत्काल खारिज कर दिया। नीति आयोग में विजन की कमी और नकारात्मक सोच का आरोप लगाते हुए भारतीय मजदूर संघ ने इस संस्था के पुनर्गठन की मांग की। मजदूर संघ ने कहा कि सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए कि इस तरह के दोषयुक्त संस्थान को थिंक टैंक के नाम पर बने रहना चाहिए या नहीं। संघ से जुड़े संगठन ने कहा कि नीति आयोग की ओर से कर्मचारियों के प्रॉविडैंट फंड में जमा की जाने वाली राशि में कटौती का प्रस्ताव गरीब मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा को चोट पहुंचाने वाला है।