Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 May, 2017 08:46 AM
माइनिंग की ई-ऑक्शन में पंजाब कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह की कम्पनी के मुलाजिमों द्वारा रेत खदानों का ठेका हासिल करने के मामले पर मचे बवाल को ठंडा करने के लिए मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने पूरे मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित करने का...
चंडीगढ़ (पराशर): माइनिंग की ई-ऑक्शन में पंजाब कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह की कम्पनी के मुलाजिमों द्वारा रेत खदानों का ठेका हासिल करने के मामले पर मचे बवाल को ठंडा करने के लिए मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने पूरे मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित करने का ऐलान किया है। इसी दौरान कैबिनेट मंत्री ने इस मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच को यकीनी बनाने के लिए अपने इस्तीफे की पेशकश पर मुख्यमंत्री ने राणा गुरजीत सिंह को ज्यूडीशियल जांच पूरी होने तक पद पर बने रहने के लिए कहा है। यह जांच रिटायर्ड जस्टिस जे.एस. नारंग द्वारा की जाएगी और वह अपनी रिपोर्ट एक माह के बीच सरकार को सौंप देंगे।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि न्यायिक जांच मुख्यमंत्री के लिए राजनीतिक मजबूरी भी बन चुकी थी क्योंकि एक ओर जहां अमरेंद्र सरकार का पहला विधानसभा बजट सत्र अगले माह के मध्य से आरंभ हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर मंत्रिमंडल का विस्तार अभी तक अधर में लटका हुआ है, वहीं विपक्ष आम आदमी पार्टी, अकाली दल तथा भाजपा ने इस मुद्दे पर आक्रामक रुख अपना रखा है। ‘आप’ ने तो कल से मुख्यमंत्री के निवास पर राणा गुरजीत के इस्तीफे की मांग को लेकर धरना देने का ऐलान कर रखा है।
भ्रष्टाचार को रत्तीभर भी सहन न करने के अपने स्टैंड को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने राणा गुरजीत की कंपनी के कुछ स्टाफ मैंबरों द्वारा कुछ विशेष खदानों को प्राप्त करने संबंधी लगे आरोपों बारे मीडिया रिपोर्टों का खुद ही नोटिस लेते हुए ज्यूडीशियल कमीशन कायम करने का फैसला लिया है। हालांकि राणा गुरजीत सिंह ने अपनी कंपनी राणा शूगर लिमिटेड की रेत की नीलामी से कोई भी संबंध होने से इंकार किया है और स्पष्ट तौर पर कहा है कि उनकी कंपनी का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर रेत खदानों के व्यापार से कोई संबंध नहीं है। वहीं आयकर विभाग ने पंजाब के मंत्री राणा गुरजीत सिंह के 4 पूर्व कर्मचारियों को कथित रूप से मिले खनन ठेकों की जांच शुरू की है। आयकर विभाग ने पंजाब सरकार को पत्र लिखकर मंत्री के पूर्व कर्मचारियों को मिले खनन ठेके का ब्यौरा मांगा है।
कई और कांग्रेस नेता भी शामिल
इसी बीच कुछ इस प्रकार का भी समाचार है कि राणा गुरजीत एकमात्र कांग्रेस नेता नहीं हैं, जिनके प्रोक्सीज ने रेत खनन की बोलियों में हिस्सा लिया है।
कई अन्य कांग्रेसी नेताओं ने भी अपने-अपने प्रोक्सीज को नीलामी में भाग लेने के लिए भेजा था लेकिन राणा गुरजीत कैबिनेट मंत्री होने के नाते अकेले ही लाइम लाइट में आए हैं। आने वाले दिनों में कई अन्य कांग्रेसी नेताओं के रोल का भी अनावरण हो सकता है।
कैबिनेट में उठ सकता है रेत खनन बोली मामला
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट की बैठक में भी रेत खनन बोली मामला उठ सकता है। बैठक में रेत खनन की बोली की प्रक्रिया को लेकर समीक्षा के दौरान विवादित तथ्य पर चर्चा होने की संभावना है जिस पर मुख्यमंत्री अपने साथी मंत्रियों को सारी स्थिति स्पष्ट करने का प्रयास करेंगे।
राणा ने किया जांच का स्वागत
राणा गुरजीत ने रेत खनन बोली मामले में न्यायिक जांच करवाए जाने के फैसले का स्वागत किया है। आज यहां जारी एक संक्षिप्त बयान में उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायिक जांच में पूर्ण विश्वास है और वह यकीनन इस जांच में निर्दोष साबित होंगे।
कब क्या हुआ ...
- 19 मई तक 102 रेत खदानों की बोली में 89 बोलीकार शामिल हुए।
- 25 मई को मीडिया में राणा गुरजीत के रसोइए तथा कंपनी के 3 मुलाजिमों के बोली में शामिल होने का खुलासा हुआ।
- रसोइए अमित बहादुर ने 32 बोलीकारों को पछाड़ सैदपुर (नवांशहर) की खदान 26.51 करोड़ रुपए में ली। राणा शूगर कंपनी के 3 अन्य मुलाजिमों कुलविंद्र पाल ने मेहंदीपुर की खदान 9.21 करोड़, गुरिंद्र ने मोहाली जिले के रामपुर कलां की खदान 4.11 करोड़ रुपए तथा बलराज ने बैरसाल की खदान 10.58 करोड़ रुपए में ली।
- 26 मई को शुरू हुआ सियासी बवाल। ‘आप’ तथा अकाली दल ने मंत्रिमंडल से राणा के निष्कासन की मांग की।
- 26 मई को ही मंत्री राणा ने चंडीगढ़ में आरोपों पर सफाई दी, कहा-मेरे परिवार और मेरी कंपनी के किसी कर्मचारी का खनन बोली से कोई लेना-देना नहीं।
- 27 मई को ‘आप’ ने मंत्रिमंडल से राणा के निष्कासन का मुख्यमंत्री को 29 मई तक का अल्टीमेटम दिया।
- 27 मई को चंडीगढ़ में प्रैस कांफ्रैंस में ‘आप’ नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने पूछा-10,000 रुपए वेतन पाने वाले राणा के नौकर के पास 13 करोड़ रुपए कहां से आए? ‘आप’ द्वारा बोली देने वालों के संंबंध में सबूत पेश करने व 30 मई को मुख्यमंत्री के आवास पर प्रदर्शन करने की घोषणा।
- इसी दिन पटियाला में कैबिनेट मंत्री नवजोत सिद्धू तथा चंडीगढ़ में पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने पत्रकारों को कहा कि मुख्यमंत्री जांच खुद कर रहे हैं।