Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Nov, 2017 06:00 AM
कांग्रेस ने भले ही पार्टी अध्यक्ष के चयन के लिए बाकायदा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी हो लेकिन राहुल का बतौर पार्टी अध्यक्ष चुनाव तय कार्यक्रम से पहले ही होने की प्रबल संभावना है। तय कार्यक्रम के मुताबिक 16 दिसम्बर को कांग्रेस का नया अध्यक्ष चुनने...
जालंधर(नरेश): कांग्रेस ने भले ही पार्टी अध्यक्ष के चयन के लिए बाकायदा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी हो लेकिन राहुल का बतौर पार्टी अध्यक्ष चुनाव तय कार्यक्रम से पहले ही होने की प्रबल संभावना है।
तय कार्यक्रम के मुताबिक 16 दिसम्बर को कांग्रेस का नया अध्यक्ष चुनने के लिए मतदान होगा और इसके नतीजे 19 दिसम्बर को आएंगे लेकिन जानकारों का मानना है कि चुनावी प्रक्रिया मात्र दिखावा भर है, राहुल गांधी गुजरात चुनाव के पहले दौर के मतदान यानी 9 दिसम्बर से पहले ही पार्टी अध्यक्ष बन जाएंगे।
इसके 2 कारण माने जा रहे हैं। पहला कारण पार्टी का संविधान है। पार्टी संविधान के मुताबिक पार्टी अध्यक्ष के चयन के लिए कोई 10 डैलीगेट मिल कर किसी कार्यकत्र्ता के नाम का पार्टी अध्यक्ष के लिए अनुमोदन करते हैं। राहुल गांधी के अलावा पार्टी में कोई ऐसा चेहरा नहीं है जिस के नाम पर 10 डैलीगेट्स में सहमति बन पाए। प्रदेशों में कोई ऐसा ताकतवर नेता नहीं है जो राहुल गांधी को चुनाव में टक्कर देने का मादा रखता हो, लिहाजा नामांकन ही अकेले राहुल गांधी के नाम का होगा और वह निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाएंगे।
राहुल के 9 दिसम्बर से पहले अध्यक्ष बन जाने का दूसरा कारण ज्योतिष से जुड़ा है। 15 दिसम्बर से सूर्य बृहस्पति की धनु राशि में गोचर करेंगे। इस दौरान मांगलिक कार्य नहीं होते और इस दौरान शुभ कार्य टाल दिए जाते हैं। यह स्थिति 14 जनवरी तक माघी का महीना शुरू होने तक रहती है। यदि कांग्रेस ने इस ज्योतिष गणना को ध्यान में रखा तो राहुल की ताजपोशी 14 दिसम्बर से पहले करनी होगी। भाजपा ने गुजरात में चुनाव 14 दिसम्बर से पहले करवाने के लिए भी इसी तर्क पर काम किया था। इस हिसाब से भी राहुल गांधी नामांकन के दिन यानि 4 दिसम्बर को ही अध्यक्ष हो जाएंगे क्योंकि 16 दिसम्बर को चुनाव और 19 दिसम्बर को मतगणना की ही नौबत नहीं आएगी।