Edited By Updated: 08 Nov, 2016 12:15 PM
सोमवार को पंजाब सरकार ने पिछले 10 दिन से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पैदा हुए प्रदूषण के हालातों से पल्ला छुड़ाते कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के लिए पंजाब जिम्मेदार नहीं है।
नई दिल्ली/चंडीगढ़ः सोमवार को पंजाब सरकार ने पिछले 10 दिन से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पैदा हुए प्रदूषण के हालातों से पल्ला छुड़ाते कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के लिए पंजाब जिम्मेदार नहीं है।
यह भी अवगत करा दिया गया है कि इन दिनों पंजाब की हवाअों का रुख दिल्ली की तरफ नहीं है इस लिए पंजाब से धुंध दिल्ली तक पहुंचना का कोई कारण नहीं है। उक्त विचार कृर्षि मंत्री तोता सिंह ने दिल्ली में करवाई गई बैठक दौरान केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे से कहे। तोता सिंह ने कहा कि यह धुंध पंजाब से दिल्ली नहीं अाई बलकि यह दिल्ली में चलने वाले वाहनों से, कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से पैदा होता है। कृपया अपने प्रदूषण के लिए पंजाब को दोष न दें। कृर्षि मंत्री ने कहा पंजाब पहले ही नशे के अारोपों का दंश झेल रहा है। तोता सिंह दिल्ली में चार राज्यों के मंत्रियों की बुलाई मीटिंग में मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की तरफ से प्रतिनिधित्व करने पहुंचे थे।
गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा जलाई जानें वाली पराली को दिल्ली में फैले प्रदूषण का कारण माना जा रहा है। नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की फटकार के बाद पंजाब ने 28 अक्तूबर को ट्रिब्यूनल को अवगत करा दिया था कि यह धुआं पंजाब से नहीं अाया। बैठक में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के प्रतिनिधि उपस्थित थे। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने पंजाब और हरियाणा को दोषी ठहराया है । तोता सिंह ने इस पर कहा कि आंकड़ों अनुसार 15 तथा 31 अक्तूबर के बीच पड़ोसी राज्यों की तुलना में पंजाब का प्रदूषण स्तर सबसे कम दर्ज किया गया। कृषि मंत्री ने कहा कि दिल्ली का प्रदूषण पंजाब की तुलना में अधिक थे। उन्होंने कहा कि पराली जलाने की जांच करने के लिए उन्होंने 1600 करोड़ रुपए की केंद्र से मांग की है।