Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Sep, 2017 11:54 AM
पंजाब सरकार राज्य में विभिन्न डेरों अौर उनके प्रमुखों की सुरक्षा पर हर साल करोड़ों रुपए खर्च करती है।
चंडीगढ़ः पंजाब सरकार राज्य में विभिन्न डेरों अौर उनके प्रमुखों की सुरक्षा पर हर साल करोड़ों रुपए खर्च करती है। यहीं नहीं दोनों राज्यों में अधिकतर डेरों के प्रमुखों को जेड या जेड प्लस सुरक्षा उपलब्ध करवाई गई है। पंजाब में कांग्रेस सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने वी.आई.पी. व वी.वी.आई.पी. सुरक्षा में कटौती के आदेश दिए, तो पुलिस ने करीब 12 अकाली-भाजपा नेताओं की सुरक्षा कम करके 175 जवानों को वापस बुला लिया, लेकिन डेरों की सुरक्षा में कटौती नहीं की गई।
पंजाब में अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल से डेरा ब्यास, डेरा सचखंड बल्लां, डेरा भनियारा, भैणी साहिब व दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के लिए जेड व जेड प्लस सुरक्षा उपलब्ध करवाई गई है। कैप्टन ने मुख्यमंत्री बनने के बाद अपनी सुरक्षा में तैनात 1392 जवानों में कटौती करते हुए इनकी संख्या 1016 कर दी।
इसके बाद पुलिस को आदेश दिए गए कि सभी की सुरक्षा में कटौती की जाए। नतीजतन पुलिस ने डेरों की बजाय नेताओं की सुरक्षा में कटौती कर डाली। अकाली-भाजपा सरकार के 12 पूर्व मंत्रियों व नेताओं से 175 जवान वापस ले लिए गए। डेरों को लेकर पुलिस की तरफ से सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया कि डेरों के प्रमुखों को सुरक्षा की जरूरत है और उन्हें धमकियां मिलती रही हैं। इसलिए उनकी सुरक्षा में कटौती नहीं की जा सकती है। कुछ डेरा प्रमुखों को आतंकवाद के समय से ही सुरक्षा दी जा रही है।
किस-किस को मिली है जेड व जेड प्लस सुरक्षा
-डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम को जेड प्लस सुरक्षा के अलावा हरियाणा व पंजाब के कमांडो भी दिए गए थे।
-भैणी साहिब के प्रमुख सतगुरु उदय सिंह को माता चंद कौर की हत्या के बाद जेड प्लस सुरक्षा उपलब्ध करवाई गई है।
-राधा स्वामी सत्संग डेरा ब्यास के प्रमुख गुरिंदर सिंह को जेड प्लस सुरक्षा दी गई है।
-डेरा सचखंड बल्लां के प्रमुख संत निरंजन दास को ऑस्ट्रिया में 2009 में हमले के बाद से जेड सुरक्षा दी गई है।
-रोपड स्थित बाबा प्यारा सिंह भनियारा वाले को 2007 से जेड सुरक्षा मिली है।
-नूरमहल जालंधर स्थित दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के प्रमुख आशुतोष महाराज को जेड सुरक्षा दी गई है। उन्हें 29 जनवरी, 2014 को डॉक्टरों ने क्लीनिकली डेड घोषित किया था, जबकि संस्थान का दावा है कि आशुतोष महाराज समाधि में हैं।