पंजाब कैबिनेट मिशनः इन चुनौतियों का करना होगा सामना-सिद्धू पर बड़ी जिम्मेदारी

Edited By Updated: 17 Mar, 2017 03:07 PM

punjab cabinet mission to face these challenges

पंजाब में कांग्रेस नेता कैप्‍टन अमरेंद्र सिंह ने  मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ले ली है।

चंडीगढ़ः पंजाब में कांग्रेस नेता कैप्‍टन अमरेंद्र सिंह ने  मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ले ली है। उनके बाद ब्रह्म मोहिंद्रा,नवजोत सिंह सिद्धू, मनप्रीत सिंह बादल, साधु सिंह, तृप्त रजिंदर सिंह बाजवा, राणा गुरजीत सिंह, परगट सिंह, रजिया सुल्ताना, ओपी सोनी समेत कई नव निर्वाचित विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। शपथ लेने के साथ ही इन मंत्रियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

ये होंगी चुनौतियां

1. मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को गृह, न्याय, विजीलैंस, जनरल एडमिनिस्ट्रेशन व पर्सोनल विभाग सौंपा गया है इसलिए पहले इन विभागों में हुए घोटालों का हेर-फेर देखना होगा। सबसे पहले सिंह को पुलिस बल का बहिष्कार करने की जरूरत है।कृषि क्षेत्र में, उन्हें ग्रामीण ऋणग्रस्तता से निपटना होगा, जो 80,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है जिससे किसान आत्महत्याएं करने पर तुले हैं। गेहूं की  खरीद सुनिश्चित करना बड़ी चुनौती होगा। आबकारी राजस्व को पुनर्जीवित करना और एक पारदर्शी आबकारी नीति के साथ आने वाली अन्य चुनौतियां भी उनके सामने अहम होंगी।

2. ब्रह्म मोहिंद्रा को हैल्थ, फैमिली वैल्फेयर, रिसर्च, मैडीकल एजुकेशन व पार्लियामैंटरी अफेयर विभाग मिला है। वे पांच बार विधायक रह चुके हैं अौर पहले स्वास्थ्य मंत्री भी रहे हैं। पंजाब में सार्वजनिक क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था में काफी गड़बड़झाला है  हालांकि पिछली सरकार ने अस्पतालों के रूप में बुनियादी ढांचा स्थापित किया था बावजूद इसके सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में कर्मचारियों की कमी रही। ब्रह्म महिन्द्रा के लिए स्वास्थ्य सेवाअों को मेनटेन करना सबसे बड़ी चुनौती होगी। पार्लियामैंटरी अफेयर विभाग मिलने के कारण  उन्हें  विपक्ष की खींचतान का सामना करना पडे़गा।  

3. नवजोत सिंह सिद्धू को स्थानीय निकाय विभाग देकर कांग्रेस ने शहरी वर्ग को अपनी तरफ  आकर्षित करने की कोशिश की है। सिद्धू को शहरी वर्ग की पहली पसंद माना जाता है। स्थानीय निकाय विभाग हमेशा से विवादों में रहा है। सिद्धू को यह विभाग मिलने से इस विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार की प्रबल संभावना है। कुछ ही माह में 4 निगमों के चुनाव होने हैं। सिद्धू को लोकल गवर्नमैंट, टूरिज्म, कल्चरल अफेयर, आर्काइव्स एंड म्यूजियम विभाग पर लगाने का मतलब  कि शहरों में बुनियादी सुविधाओं को फिर से जीवंत बनाना, पटरी पर वापस लाना।  स्थानीय निकायों के लिए अधिक धन प्राप्त करना। अवारा पशुओं  के लिए व्यवस्था और अधिक गोशालों की स्थापना उनके लिए तत्काल चुनौतियां हैं।

4.मनप्रीत सिंह बादल को फाइनांस, प्लानिंग और इम्प्लायमैंट जैनरेशन मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया है जो चुनौतीपूर्ण नौकरी है। मनप्रीत बादल जो पांच बार विधायक और पूर्व वित्त मंत्री रह चुके हैं का मानना है कि उनकी कैबिनेट में सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।  वे कहते हैं कि व्यय को रोकने के लिए कठोर निर्णय लेना होगा और राज्य की नाजुक अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए राजस्व पर पूर्वाभ्यास करना होगा। कांग्रेस  ने 1.78 लाख करोड़ रुपए का कर्ज निकाला है जिसमें 3,000 करोड़ रुपए के बिलों का भुगतान नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि लगभग 1.5 लाख नए कर्मचारियों को भर्ती किया जाना है। हम सुनिश्चित करेंगे कि वेतन समय पर भुगतान किया जाता है या नहीं।

5.साधु सिंह धर्मसोत को फोरैस्ट के प्रिंटिग, स्टेशनरी, एस.सी. व बी.सी. वैल्फेयर को संभालना होगा। चार बार विधायक और दूसरी बार मंत्री बने धर्मसोत को राज्य के खस्ता वन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए प्रमुख कदम उठाने होंगे।  उन्होंने कहा, "मैं मुख्यमंत्री के निर्देशन के अनुसार काम करूंगा और अपनी क्षमता का सबसे अच्छा काम करूंगा।"


6.तृप्त रजिन्द्र सिंह बाजवा को रूरल डिवैल्पमैंट, पंचायत, वाटर सप्लाई व सैनीटेशन विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। माझा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार द्वारा छोड़ी गई गड़बड़ी को साफ करना होगा, जबकि ग्रामीण मिशन को क्रियान्वित करना होगा। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में 12,500 गांवों एेसे हैं जहां सड़कों को खोदा गया है  उन्हें तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता होगी।

7.राणा गुरजीत सिंह को इरीगेशन और पावर मंत्रालय की कमान सौंपी गई है। दोअाबा के अकेले मंत्री का कहना है कि उनकी प्राथमिकता मध्य-पूर्वी सिंचाई चैनलों और नहरों को मजबूत करने और केंद्रीय भंडार से धन प्राप्त करने के लिए होगी। मैनिफैस्टों में जो वादे किए गए हैं वे समय पर पूरे किए जाने को प्राथमिकता होगी।

8.चरणजीत सिंह चन्नी को टैक्नीकल एजुकेशन एंड इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग विभाग का जिम्मा दिया गया है। चन्नी ने कहा कि लाल बत्ती कल्चर को खत्म का पार्टी का वादा था जो पूरा होगा। कांग्रेस सरकार के लिए रोजगार सृजन एक प्रमुख एजैंडा है। इसके साथ तकनीकी शिक्षा संस्थानों और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को उन्नयन, उद्योग की मांगों के अनुसार पाठ्यक्रमों में लाना प्रमुखता रहेगा।

9.अरुणा चौधरी (राज्य मंत्री) को हायर एजुकेशन व स्कूल एजुकेशन (स्वतंत्र प्रभार) का कार्यभार दिया गया है। अरुणा चौधरी का कहना है कि 10 साल का कुशासन ठीक करना है तो समय को लगेगा ही लेकिन लोगों ने जो जिम्मेदारी दी है उसे ईमानदारी से निभाया जाएगा। उन्होंने कहा कि दो विभागों में पोस्टिंग और कर्मचारियों के हस्तांतरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करना,सरकारी क्षेत्र में उच्च शिक्षा संस्थान स्थापित करना अादि  सबसे बड़ी चुनौती होगी।

10.रजिया सुल्ताना को (राज्य मंत्री) पी.डब्ल्यू.डी. (बी. एंड आर.), सोशल सिक्योरिटी एंड डिवैल्पमैंट ऑफ वूमैन एंड चिल्ड्रन (स्वतंत्र प्रभार) विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई। सुल्ताना का कहना है कि प्रदेश के कामगारों को मजबूत करना उनकी सरकार की प्राथमिकता है।  इसके अलावा कैप्टन सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता सूबे के विकास में योगदान देना है।

  

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!