Edited By Updated: 09 Dec, 2016 03:49 PM
देश में एमरजैंसी को आधार बनाकर दूसरी बार मुख्यमंत्री बने प्रकाश सिंह बादल की सरकार को दोबारा पी.एम. की कुर्सी पर बैठी इंदिरा गांधी ने गिरा दिया था।
जालंधर: देश में एमरजैंसी को आधार बनाकर दूसरी बार मुख्यमंत्री बने प्रकाश सिंह बादल की सरकार को दोबारा पी.एम. की कुर्सी पर बैठी इंदिरा गांधी ने गिरा दिया था। पंजाब के साथ-साथ मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा और उत्तर प्रदेश की गैर कांग्रेसी सरकारें भी इस दौरान गिरा दी गई थीं और इन राज्यों में गवर्नर राज लागू कर दिया गया था। दरअसल इंदिरा गांधी द्वारा देश में एमरजैंसी लागू किए जाने के तुरन्त बाद हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस हार गई थी और सत्ता में आई मोरार जी देसाई की सरकार ने कई राज्यों में सरकारें गिरा दी थीं। इनमे पंजाब सरकार भी शामिल थी। हालांकि पंजाब सरकार 5 वर्ष पूरे कर चुकी थी और सरकार की अवधि 6 वर्ष तक बढ़ाने का कानून विचाराधीन था लेकिन इससे पहले ही ज्ञानी जैल सिंह की सरकार गिरा दी गई। देश में आम चुनाव के बाद 1980 में जब दोबारा इंदिरा गांधी सत्ता में आई तो उन्होंने उन सारे गैर कांग्रेसी राज्यों में सरकारें गिरा दी जहां-जहां मोरार जी देसाई के प्रधानमंत्री रहते कांग्रेस की सरकार गिराई गई थी।
बादल के लिए अपने बने विभीषण
मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की सरकार गिराने के लिए बाकायदा अकाली दल के भीतर ही साजिश रची गई थी। पार्टी के उस वक्त के अध्यक्ष जगदेव सिंह तलवंडी और महासचिव प्रेम सिंह लालपुरा के साथ सरकार के संबंध बिगड़ गए। लिहाजा इन दोनों नेताओं ने राज्यपाल से सरकार के भ्रष्ट होने की शिकायत की और इस मामले में केंद्र का हस्तक्षेप मांगा। राज्यपाल ने इन नेताओं द्वारा भेजा गया ज्ञापन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भेजा और इस पर करवाई करते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया।
बादल ऐसे बने थे दूसरी बार सी.एम.
सन् 1977 के चुनाव में पंजाब में पहली बार 117 सीटों पर चुनाव हुए और अकाली दल 58 सीटों पर चुनाव जीत गया और कांग्रेस महज 17 सीटों पर सिमट गई जबकि जनता पार्टी को 25 सीटें हासिल हुईं। इस चुनाव के बाद प्रकाश सिंह बादल दूसरी बार पंजाब के मुख्यमंत्री बने और 3 वर्ष तक गद्दी पर बने रहे।