पंजाब में कांग्रेस का परचम,2017 की जीत ने जगाई 2019 के लिए उम्मीद

Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Dec, 2017 12:16 PM

punjab 2017

वर्ष 2017 पंजाब कांग्रेस के लिए अच्छे दिन लेकर आया। पंजाब में हुई जीत ने एक बार फिर कांग्रेस में लोकसभा चुनाव 2019 के लिए उम्मीद जगा दी क्योंकि इससे पहले 3 राज्य में हुए विस चुनाव कारण कांग्रेस की स्थिति डगमगा गई थी।

जालंधर(सोनिया गोस्वामी): वर्ष 2017 पंजाब कांग्रेस के लिए अच्छे दिन लेकर आया। पंजाब में हुई जीत ने एक बार फिर कांग्रेस में लोकसभा चुनाव 2019 के लिए उम्मीद जगा दी क्योंकि इससे पहले 3 राज्य में हुए विस चुनाव कारण कांग्रेस की स्थिति डगमगा गई थी। कांग्रेस ने जहां विधानसभा चुनाव में 10 साल बाद सत्‍ता में वापसी की वहीं निकाय चुनाव में जालंधर,पटियाला तथा अमृतसर तीनों निगमों पर धाक जमाई। 

कांग्रेस ने विधानसभा की 77 सीटें जीती जबकि 20 सीटों के साथ आम आदमी पार्टी दूसरे नंबर पर तथा शिरोमणी अकाली दल 15 और भाजपा 3 सीटों तक ही सिमट कर रह गई।  कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने पटियाला सीट से तो चुनाव जीता ही । वहीं, लंबी सीट से पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से कड़ा मुकाबला किया। बादल को 66,375 वोट मिले जबकि कैप्टन ने 43,605 वोट हासिल कर दूसरे नंबर पर रहे।  

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अमृतसर लोकसभा उपचुनाव भी कांग्रेस के नाम 
अमृतसर लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में भी कांग्रेस ने बड़ी जीत दर्ज की। कांग्रेस उम्मीदवार गुरजीत सिंह औजला ने यहां बीजेपी प्रत्याशी को 1,99,189 वोटों से हरा जीत दर्ज की। यमुना-सतलुज लिंक (एसवआईएल) नहर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस नेता अमरेंद्र सिंह ने नवंबर 2016 में लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, जिसके कारण यह सीट खाली हो गई थी। अमरेंद्र सिंह ने 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के अरुण जेटली को एक लाख से अधिक वोटों से हराकर इस सीट से जीत दर्ज की थी। 

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कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने अपनी परंपरागत पटियाला सीट बरकरार रखी लेकिन लंबी विधानसभा सीट पर वह मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को हराने में नाकाम रहे। कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद मोहिंदर सिंह केपी को आदमपुर सीट से शिरोमणि अकाली दल के मौजूदा विधायक पवन कुमार टीनू ने हराया। इन चुनावों में कुछ मौजूदा सांसदों के बेटों ने भी जीत हासिल की। अकाली दल से अलग हो चुके सांसद शेर सिंह घुबाया के बेटे दविंदर सिंह ने फाजिल्का सीट पर बीजेपी नेता और कैबिनेट मंत्री सुरजीत कुमार ज्ञानी को महज 265 वोटों से मात दी।  

गुरदासपुर उपचुनाव में जाखड़ रहे विजयी

 
कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने बीजेपी-अकाली गठजोड़ के उम्मीदवार स्वर्ण सलारिया को 1.93 लाख वोटों से शिकस्त दी। जाखड़ के पक्ष में 4,99,752 वोट पड़े और उनके सबसे क़रीबी उम्मीदवार रहे स्वर्ण सलारिया को 3,06,533 वोट मिले। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मेजर जनरल सुरेश कथूरिया के पक्ष में महज 23,579 वोट ही मिले। अभिनेता से नेता बने बीजेपी सांसद विनोद खन्ना के निधन के कारण पंजाब की गुरदासपुर लोकसभा सीट पर ये उपचुनाव कराए गए थे।

उपचुनाव में केवल 56 फीसदी वोटिंग हुई। नतीजों से साफ हुआ कि सात महीने पुरानी कांग्रेस की सरकार के खिलाफ लोगों में कोई बड़ी नाराजगी नहीं थी।  बीजेपी और अकालियों की तुलना में कांग्रेस लोगों के सामने ज्यादा एकजुट और संगठित नजर आई।  
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पंजाब निकाय चुनाव कांग्रेस

पंजाब निकाय चुनावों में भी सत्‍ताधारी कांग्रेस को कामयाबी मिली।  कांग्रेस ने विपक्षी दल शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी का सूपड़ा साफ कर दिया। विपक्षी दलों को एक भी निकाय में जीत नहीं मिली। आम आदमी पार्टी को तो एक भी सीट नहीं मिली। तीन नगर निगमों और 29 नगर परिषदों व नगर पंचायतों के लिए 17 दिसंबर को वोट डाले गए थे।

कांग्रेस ने अमृतसर, जालंधर और पटियाला नगर निगम में एकतरफा जीत दर्ज की। जालंधर में उसे 80 वार्डों में से 65 और पटियाला में 60 में से 59  और अमृतसर में 85 में से 64 वार्डों पर परचम लहराया। 

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