Edited By Updated: 24 Jan, 2017 12:51 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2017 को लुधियाना में गरीब परिवारों की महिलाअों को जो चरखे वितरित किए गए थे उनमें से कई अाज काम नहीं कर रहे हैं जिससे महिलाएं काफी निराश हो गई हैं। हालांकि ये चरखे खादी एवं ग्रामीण उद्योग आयोग (के.वी.आई.सी.) की...
लुधियाना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2017 को लुधियाना में गरीब परिवारों की महिलाअों को जो चरखे वितरित किए गए थे उनमें से कई अाज काम नहीं कर रहे हैं जिससे महिलाएं काफी निराश हो गई हैं। हालांकि ये चरखे खादी एवं ग्रामीण उद्योग आयोग (के.वी.आई.सी.) की ओर से दिए गए थे लेकिन महिलाएं पी.एम.मोदी को कोस रही हैं।
अपने चरखे को दिखाते हुए कुलविंदर कौर का कहना है कि उसने मोदी चरखे को संरक्षित रखा है,जब वह उसे निकालती है तो वे अावाज करता है अौर काम भी नहीं हो पाता । कुलविंदर कौर का कहना है कि उसे लगभग 30 वर्षों का अनुभव है अौर उसका
20 वर्षीय पुराना चरखा अभी तक ठीक काम करता है वे उसा से काम करना पसंद करती हैं।
उनका कहना है कि अगर देना ही था तो अच्छी क्वालिटी का चरखा देते या पैसे ही दे देते । उन्होंने सवाल करते कहा कि मोदी जी अब बताएं क्या इसका अाचार डालें। कुलविंदर का कहना है कि इस चरखे से काम कर दिन में 150 रुपए कमाने भी मुश्किल हैं। उन्होंने कहा कि 20 महिलाअों को ये चरखे दिए गए थे अगर इनके सहारे हम सभी काम करें तो अाप खुद सोच लें कि हम कितना कमा पाएंगी।
निंदर कौर, चिंतामणि और हरप्रीत कौर जो इसी गांव की रहने वाली है जो माहिर हैं कताई की ने भी चरखा प्राप्त किया था। निंदर ने तो अपने घर की पहिली मंजिल पर चरखा संभाल रखा है। उनका कहना है कि इसे चलाने में मुश्किल होती है इसलिए वे इस पर काम नहीं कर सकती,इसलिए मैं पुराने चरखे पर ही काम करती हूं। चिंतामणि और हरप्रीत इसी वजह से अपने पुराने चरखे से ही काम करती हैं।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 अक्तूबर को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/जनजाति केंद्र के साथ ही सूक्ष्य, लघु और मध्य दर्जे (एम.एस.एम.ई.) के उद्योगों के लिए जेड (जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट) योजना की शुरुआत करने लुधियाना पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने महिलाअों को 500 चरखे वितरित किए थे। इसके बाद उन्होंने महिलाअों के साथ बैठ कर चरखे में कताई भी की थी जिस कारण मोदी विवादों में अा गए थे। मोदी की चरखा काठते हुए फोटो खादी ग्रामोद्योग के कैलेंडर और डायरी पर छाप बापू की तस्वीर हटाई गई थी तभी से उनकी हर जगह आलोचना होने लगी थी। इस मौके मोदी ने कहा था " महिलाओं को चरखे दिए जा रहे हैं। खादी हमारी प्राथमिकता में है। घर में चरखा आने से आमदनी बढ़ेगी।