Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Aug, 2017 09:23 AM
फिरोजपुर रोड स्थित फास्ट वे कंपनी से संबंधित मॉल के खिलाफ अवैध निर्माण के आरोप में कार्रवाई को लेकर हाईकोर्ट में चल रहे केस की सुनवाई बुधवार को होगी।
लुधियाना (हितेश): फिरोजपुर रोड स्थित फास्ट वे कंपनी से संबंधित मॉल के खिलाफ अवैध निर्माण के आरोप में कार्रवाई को लेकर हाईकोर्ट में चल रहे केस की सुनवाई बुधवार को होगी। इस दौरान सीलिंग पर लगी रोक हटवाने का पहलु लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिद्धू के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है।
सियासी बदले की भावना से बनाया जा रहा निशाना
इस मामले में नगर निगम ने पास करवाए नक्शे से ज्यादा नॉन कम्पाऊं डेबल निर्माण करने के आरोप में मॉल की ऊपरी मंजिल को अवैध करार दिया हुआ है। जिसे सील करने की चेतावनी देते हुए 3 दिन में खुद गिराने का नोटिस दिया गया। जिस पर मॉल प्रबंधकों ने यह कहकर कोर्ट की शरण ली कि उनको सियासी बदले की भावना से निशाना बनाया जा रहा है। हालांकि सरकार ने पहले ही केवियट डाली हुई थी तो उसे पक्ष रखने का मौका दिया गया। लेकिन जवाब दाखिल करने तक कार्रवाई पर रोक लगा दी गई। इससे सिद्धू की किरकिरी होने की गाज एस.टी.पी. पर पठानकोट में तबादला होने के रूप में गिरी, क्योंकि शनिवार को ही सीलिंग की कार्रवाई के कलीयर आदेश होने के बावजूद निगम अफसरों ने पैमाईश व नोटिस देने के नाम पर 16 अगस्त तक 4 दिन का समय निकाल दिया। जिससे मॉल प्रबंधकों को निगम के खिलाफ कोर्ट जाने का मौका मिल गया।
नाराज सिद्धू ने सारी कार्रवाई खुद करवाने का किया फैसला
यहां तक कि ए.टी.पी. द्वारा जारी नोटिस में नॉन कम्पाऊंडेबल अवैध निर्माण पर कार्रवाई की जगह कमजोर स्ट्रक्चर होने की धारा लगाने का भी मॉल प्रबंधकों को फायदा मिला। इस पर नाराज सिद्धू ने कोर्ट में जवाब दाखिल करने की सारी कार्रवाई अपनी निगरानी में करवाने का फैसला किया। इसके लिए बिल्डिंग ब्रांच का स्टाफ कई दिनों से चंडीगढ़ में बिठाया हुआ है। जहां एडीशनल चीफ सैक्रेटरी व सिद्धू के सलाहकार द्वारा सारे रिकार्ड की स्क्रूटनी की गई। जिसके आधार पर यह जबाब तैयार किए जाने की सूचना है कि मॉल प्रबंधकों ने अपने द्वारा दाखिल किए नक्शे से ज्यादा निर्माण जानबूझ कर किया है। जो नॉन कम्पाऊंडेबल होने के कारण उस पर कार्रवाई बनती है।