Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Sep, 2017 05:32 PM
यू.पी. में आई.जी. लैवल के एक आई.पी.एस. अफसर के खिलाफ सरकार ने जांच बिठा दी है। अफसर पर आरोप है कि उन्होंने पंजाब की नाभा जेल ब्रेक कांड के मास्टरमाइंड गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी घनश्यामपुरा को पकड़कर 1 करोड़ की घूस के बदले छोड़ दिया।
पटियाला/लखनऊ: यू.पी. में आई.जी. लैवल के एक आई.पी.एस. अफसर के खिलाफ सरकार ने जांच बिठा दी है। अफसर पर आरोप है कि उन्होंने पंजाब की नाभा जेल ब्रेक कांड के मास्टरमाइंड गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी घनश्यामपुरा को पकड़कर 1 करोड़ की घूस के बदले छोड़ दिया।
मामले की जानकारी मिलने के बाद मंगलवार रात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रमुख गृहसचिव को बुलाकर जांच कराने के आदेश दिए हैं। 27 नवम्बर 2016 को पटियाला की नाभा जेल से खालिस्तान लिब्रेशन फ्रंट और बब्बर खालसा के आतंकवादियों को पुलिस की वर्दी में गए अपराधियों ने छुड़ा लिया था।
इस षड्यंत्र के मास्टरमाइंड गोपी घनश्यामपुरा को 10 सितम्बर को यू.पी. के शाहजहांपुरा से गिरफ्तार किया गया था। घनश्यामपुरा के किसी दोस्त ने इस डर से कि कहीं उसका एनकाऊंटर न हो जाए, उसकी गिरफ्तारी की जानकारी अपनी फेसबुक पोस्ट पर दे दी। आरोप है कि पंजाब के एक दूसरे बड़े अपराधी और शराब व्यापारी के जरिए 1 करोड़ की डील हुई, जिसकी मध्यस्थता सुल्तानपुर के एक कांग्रेसी नेता ने की।
पंजाब पुलिस ने शराब व्यापारी रिंपल और अमनदीप की कॉल इंटरसैप्ट की जिससे पूरे मामले का पता चला। इसमें वे आई.जी. के जरिए घनश्यामपुरा को छुड़ाने की बात कर रहे हैं। पंजाब पुलिस और आई.बी. ने इसकी जानकारी उत्तर प्रदेश सरकार को दी, जिसके बाद सरकार ने जांच बिठा दी है। आरोपी आई.जी. को उनके पद से हटाया भी जा सकता है।वहीं कांग्रेसी नेता को गांधी परिवार का खासमखास बताया जा रहा है।