Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Nov, 2017 01:32 PM
शहर की प्लास्टिक फैक्ट्री में आग लगने से 6 फायरब्रिगेडकर्मियों सहित 13 लोगों की मौत हो गई।
लुधियाना(सोनिया गोस्वामी) : शहर की प्लास्टिक फैक्टरी में आग लगने से 6 फायरब्रिगेडकर्मियों सहित 13 लोगों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि विभाग के ये छह बहादुर और साहसी अधिकारी हमेशा आग को नियंत्रित करने में सबसे आगे रहते थे। इनकी मौत से विभाग में साहसी लोगों की कमी खलती रहेगी।
इन साहसी फायरब्रिगेडकर्मियों ने गंवाई जान
राजेंद्र शर्मा- उप-अग्निशमन अधिकारी
उप-अग्निशमन अधिकारी राजेंद्र शर्मा के निधन से पूरा परिवार दुखी है। हादसे वाले दिन दोपहर 3:37 बजे फायर अफसर राजेंद्र कुमार का सिर मिला। चार घंटे बाद शाम 7:30 बजे उनका धड़ पिलर्स के नीचे दबा मिला। काफी मशक्कत के बाद उनके धड़ को निकाला गया। शर्मा की पत्नी और दो बेटियां उनके निधन से सदमें में हैं। राजेंद्र शर्मा अमृतसर के रहने वाले थे।
सीमॉन गिल- उप-अग्निशमन अधिकारी
सीमॉन गिल का 24 नबंमर को जन्मदिन था। अपनी बहादुरी के बल पर उन्हें विभाग से इस दिन अपने पदोन्नति पत्र की उम्मीद थी। उनकी बेटी शहनाज गिल ने उनके लिए एक जन्मदिन उपहार के रूप में सोने की अंगूठी खरीदी थी। वह भी अमृतसर से थे और उन्हें तीन महीने पहले लुधियाना स्थानांतरित कर दिया गया था। उसका शरीर सोमवार को बरामद किया गया था। स्थानीय बस स्टैंड के निकट मुख्य फायर स्टेशन पर उन्हें नियुक्त किया गया था।
राजकुमार-उप-अग्निशमन अधिकारी
शिमलापुरी निवासी राजकुमार सोमवार सुबह अपने बेटे अजीत जो विभाग में ही फायरमैन थे के साथ घर से आए थे। अाग बुझाते समय दोनों एक साथ थे। जब इमारत गिरी अजीत किसी काम से बाहर अा गया जबकि राजकुमार की दबने से मौत हो गई। मंगलवार को जब उनका शव बरामद किया गया तो उनकी पत्नी बेहोश हो गई थी। इतना ही नहीं अपनी भावनाओं को अलग रखते हुए इस दुखद घटना के बाद भी अजीत ने लोगों को खोजने में मदद की।
राजन भाटिया फायरमैन
फायरमैन राजन भाटिया ने सोमवार को छुट्टी ली थी क्योंकि उन्हें अपने बेटे को अस्पताल ले जाना था लेकिन जब आग लग गई, तो उसे वापस बुलाया गया। राजन की पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा है। वह अग्निशामकों में एक मात्र एेसा था जो परिवार में एकमात्र कमाई का साधन था।
विशाल कुमार - फायरमैन
फायरमैन विशाल कुमार (32) आग की घटनाओं को नियंत्रित करने में सक्रिय रहते थे। उन्हें उस दिन प्रभावित लोगों को बचाने के लिए यहां और वहां भागते देखा गया था। उनका शव भी मलबे से सोमवार रात को बरामद किया गया। उनके दो बेटे है जबकि पत्नी की एक साल पहले की मृत्यु हो गई थी। उनके परिवार के सदस्य दूसरी शादी की तैयारी कर रहे थे।
पुराण सिंह- लीडिंग फायरमैन
पूरन सिंह फायरमैन के प्रमुख थे और फोकल पॉइंट फायर स्टेशन पर नियुक्त थे। उनका शव भी सोमवार को मिला था
बता दें लुधियाना में तो 36 साल से कोई रेगुलर भर्ती तक नहीं हुई है। यहां केवल 61 कर्मचारियों से काम चलाया जा रहा है जबकि कम से कम 290 कर्मचारी होने चाहिए और इनमें भी केवल 30 मुलाजिम ही पक्के हैं।
यहां तक कि 9 जिलों के 19 सब डिवीजनों में फायर स्टेशन तक नहीं हैं। कुछ जिला मुख्यालयों की सब डिवीजन से दूरी 70 किलोमीटर तक है। नियम कहता है कि 50 हजार की आबादी वाले इलाके में दो फायर ब्रिगेड की गाड़ियां और 18 फायर कर्मी होने चाहिए। कर्मचारियों का बीमा तक नहीं होता और वर्दियां भी कर्मचारियाें को खुद ही खरीदनी पड़ती है।