Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Feb, 2018 09:47 AM
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो परिवार सहित बुधवार को श्री हरिमंदिर साहिब में नतमस्तक हुए। इसके बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह के साथ उनकी विभिन्न मुद्दों पर बातचीत हुई। मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री ट्रूडो को वांछित 9 आतंकवादियों...
जालंधर : कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो परिवार सहित बुधवार को श्री हरिमंदिर साहिब में नतमस्तक हुए। इसके बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह के साथ उनकी विभिन्न मुद्दों पर बातचीत हुई। मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री ट्रूडो को वांछित 9 आतंकवादियों की सूची सौंपी गई। इस बीच प्रधानमंत्री ट्रूडो के फीके स्वागत की खबरें भी चर्चा में रहीं। इसके पीछे कई कारण भी हैं जिनका संबंध खालिस्तान से जुड़ा हुआ है। खालिस्तान के मुद्दे पर सिख जर्नलिस्ट तवलीन सिंह अरूड़ ने प्रधानमंत्री ट्रूडो को खुला पत्र लिखकर कहा है कि भारत में खालिस्तान की जड़ें नहीं हैं और न ही होंगी। साथ ही यह भी कहा है कि जो अलगाववादियों से सांझ करेगा वह देश का दुश्मन है।
प्रिय प्रधानमंत्री ट्रूडो भारत में आपका स्वागत, आपका परिवार बहुत प्यारा है और बच्चे बहुत सुंदर हैं।मैं स्पष्ट तौर पर यह कहना चाहती हूं कि मैं आपके प्रशासन के तौर-तरीकों से खफा हूं, जिसके विश्वास में आपने विश्व को प्रभावशाली नेता के रूप में आकॢषत किया है और विश्व में जिसने विभाजन और मतभेदों की दीवार खड़ी कर रखी है। मैं बहुत संक्षिप्त लिखना चाहती हूं। इन खबरों को देखकर मैं बहुत उदास हुई। आपकी यात्रा के दौरान आपको अधिक महत्व नहीं दिया गया जैसा कि आपके पद को जरूरत थी और जैसा कि उसे दिया जाना चाहिए था। आपका स्वागत वैसा नहीं हुआ जैसा दूसरे राष्ट्र अध्यक्षों का होता है। मैं इन खबरों को लेकर निराश हूं कि आपका खालिस्तानी और सिख प्रतिक्रियावादी ग्रुपों के साथ संबंध है।
मैं खालिस्तानी और सिख विरोधी ग्रुपों से नफरत करती हूं। आपकी उनके साथ मित्रता है। मैं यह समझ सकती हूं कि आप एक ऐसे निर्वाचन क्षेत्र से राजनेता हैं और बहुत बड़े सिख समुदाय के प्रति संबंध बनाना आपकी मजबूरी है जो आपके सुंदर देश में रहते हैं मगर एक सिख ने हमारी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी, जिससे इस देश में सिख विरोधी नरसंहार हुआ जो कि पहले कभी नहीं हुआ था। इस घटना के बाद पंजाब में आतंकवाद का सबसे बदतर दौर रहा है। मैं सिख अलगाववादियों के इस रवैये की ङ्क्षनदा करती हूं। मैं जानती हूं कि आप यह रिकार्ड पर नहीं कह सकते कि कनाडा संगठित भारत का समर्थन करता है मगर इन अलगाववादी ग्रुपों और निजी तौर पर अलगाववाद या आतंकवादियों के साथ किसी तरह के संबंध से बहुत से लोगों की छवि खराब हुई है, जिनमें मैं भी हूं और वास्तव में आपको ऐसी सलाह की जरूरत भी होगी।
आप एक राजनेता हैं और आप वह सब कुछ करेंगे जो आपको देश का नेतृत्व करने, कहने और प्रभावशाली नेता बनाने में सक्षम हो। कई निजी आतंकवादी ग्रुपों के साथ आपकी बैठकों का स्पष्टीकरण भी दिया जा सकता है मगर मुझे यह कहने की अनुमति दी जाए कि भारत में हम में से बहुत इसके लिए जिम्मेदार हैं और लैफ्ट और राइट विचारों की राजनीति के बिना उन लोगों को पूरी तरह से सहन नहीं करेंगे, जिनके आपके देश में रहने वाले लोगों से संबंध हैं। भारत में खालिस्तान की कोई जड़ें नहीं और न ही कभी होंगी। जो लोग इस देश का बंटवारा करने के लिए उन ग्रुपों के साथ मित्रता का हाथ बढ़ाना चाहते हैं उनको दर्द होगा क्योंकि वे उनके दुश्मन हैं। आपकी भारत यात्रा भव्य हो और आप खुशी-खुशी अपने देश लौटें।