Edited By Updated: 05 Nov, 2016 01:36 PM
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एस. जी. पी. सी.) के नए प्रधान का चुनाव कर लिया गया। किरपाल सिंह बडूंगर एस. जी. पी. सी. के नए प्रधान बन गए हैं।
अमृतसर (प्रवीण): अाखिरकार शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के नए प्रधान का एेलान हो गया। सुखबीर बादल के खासमखास प्रो. किरपाल सिंह बडूंगर को एस.जी.पी.सी. का नया प्रधान बनाया गया है। इससे पहले जत्थेदार अवतार सिंह मकड़ कार्यभार संभाल रहे थे। बडूंगर को प्रधान बनाने का सबसे बड़ा कारण ये रहा कि वे एक साफ छवि वाले व्यक्ति रहे हैं। बडूंगर पिछड़ी श्रेणी से संबंध रखते हैं। 1997 वाली बादल सरकार में बडूंगर अो.एस.डी.रह चुके हैं । इसके बाद एस.जी.पी.सी. के प्रधान रहे। टोहडा को हटाने के बाद इन्हें प्रधान बनाया गया था ।
इसके साथ ही बलदेव सिंह क्यामपुरी को सीनियर उप प्रधान, बाबा बूटा सिंह को जूनियर उप प्रधान और अमरजीत सिंह चावला को जनरल सचिव के पद के लिए चुना गया है। अकाली दल के सीनियर नेता तोता सिंह ने बडूंगर का नाम अध्यक्षीय पद के लिए पेश किया था, जबकि हरियाणा समिति ने वोटिंग की मांग करते हुए सुरजीत सिंह कालांवाली का नाम अध्यक्षीय पद के लिए पेश किया था। जैसे ही प्रधान के लिए बडूंगर के नाम का ऐलान हुआ तो कालांवाली ने अपना नाम वापस ले लिया।
शिरोमणि कमेटी सिखों की सर्वोपरि धार्मिक संस्था है। सिख राजनीति इसके इर्द-गिर्द ही घूमती है। जिस अकाली गुट का इस पर कब्ज़ा होता है उसी गुट का सिख राजनीति में भी बोलबाला रहता है। शिरोमणि कमेटी के सदस्यों की कुल संख्या 190 है। इनमें से 170 चुनाव के माध्यम से चुनकर आते हैं जबकि 15 सदस्यों को नामजद किया जाता है। कमेटी सदस्यों का चुनाव प्रत्येक पांच वर्ष के अंतराल के बाद होता है।
पांचो तख्तों के जत्थेदार भी शिरोमणि कमेटी के सदस्य होते हैं। परन्तु उन्हें मत का अधिकार नहीं होता है इसलिए कमेटी पदाधिकारियों के चुनाव में केवल 185 सदस्य ही अपने मत का प्रयोग करते हैं। पिछले दस वर्षों से अवतार सिंह मक्कड़ शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं।