Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Jan, 2018 04:52 PM
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष व सांसद सुनील जाखड़ ने आज दिल्ली में केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु से मुलाकात करके पंजाब के सीमावर्ती इलाकों के लिए विशेष रियायतें देने की मांग की है।
जालन्धर (धवन): पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष व सांसद सुनील जाखड़ ने आज दिल्ली में केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु से मुलाकात करके पंजाब के सीमावर्ती इलाकों के लिए विशेष रियायतें देने की मांग की है। दिल्ली में हुई बैठक के दौरान जाखड़ ने उद्योगों से संबंधित मुश्किले सुरेश प्रभु के ध्यान में लाई। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने नई औद्योगिक नीति बना ली है जो राज्य में उद्योगों को बढ़ावा दे रही है परन्तु उद्योगों के अधिकांश मसले केंद्र सरकार से भी जुड़े हुए हैं जिनका निपटारा केंद्र को करना है।
जाखड़ ने सुरेश प्रभु को बताया कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा के 30 कि.मी. के घेरे में उद्योग स्थापित करने पर राज्य सरकार द्वारा उन्हें सी.एल.यू. तथा ई.डी.सी. चाॢजस से छूट दी गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने तो मुम्बई में बड़े उद्यमियों से मुलाकात करके उन्हें राज्य में पूंजी निवेश करने के लिए कहा है। जाखड़़ ने कहा कि बार्डर एरिया में लगने वाली इंडस्ट्री को केंद्र सरकार को भी टैक्सों में रियायते देने की जरूरत है ताकि सरहदी क्षेत्रों के विकास को नई दिशा दी जा सके। उन्होंने कहा कि पठानकोट तथा गुरदासपुर दोनों ही सरहदी जिले हैं तथा यहां पर केंद्र सरकार का कोई भी बड़ा औद्योगिक प्रोजैक्ट नहीं लगा है इससे क्षेत्र में बेरोजगारी पर काबू नहीं पाया जा रहा है।
उन्होंने केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु के ध्यान में गुरदासपुर, बटाला व पठानकोट में नई इंडस्ट्री की स्थापना करने का मामला लाते हुए कहा कि पंजाब के भटिंडा क्षेत्र को पैट्रो कैमिकल जोन ऐलाना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भटिंडा में पहले ही तेल शोधक कारखाना लगा हुआ है। अगर समूचे जोन को पैट्रो कैमिकल जोन बना दिया जाए तो इससे हरियाणा व राजस्थान को भी लाभ मिलेगा। जाखड़ ने कपूरथला में बनी रेल कोच फैक्टरी तथा पटियाला में रेल डीजल ईंजन कारखानों को और अपग्रेट करने की मांग करते हुए कहा कि इससे राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
बासमती निर्यातकों व काटन इंडस्ट्री को राहत दे केंद्र
सुनील जाखड़ ने फसली विभिन्नता को उत्साहित करने के लिए कपास की खेती को बढ़ावा देने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि कॉटन इंडस्ट्री को जी.एस.टी. से छूट दी जानी चाहिए। जाखड़ ने कहा कि हर वर्ष लगभग 25000 करोड़ की बासमती का निर्यात होता है। केंद्र ने यद्यपि एक्सपोर्ट क्रैडिट गारंटी स्कीम शुरू की हुई है पर इससे पहले एक्सपोर्टर्स की देश से बाहर फसी उधारी का जिक्र नहीं किया गया जिससे छोटे निर्यातक बर्बादी के कगार पर पहुंच चुके हैं। इस बार बासमती का उत्पादन देश में कम हुआ है तथा दुनिया के बाजारों में बासमती की मांग बढ़ रही है इसलिए अगर न्यूनतम निर्यात कीमत सरकार तय कर दे तो इससे बासमती इंडस्ट्री के साथ-साथ किसानों को भी बहुत लाभ होगा।