इंटरनैशनल ड्रग रैकेट मामले में पंजाबी NRIs की भूमिका उजागर,देश से विदेश तक इस तरह होता है व्यापार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Dec, 2017 02:52 PM

increasingly involvement of nris in the international drug racket

कनाडा के कलगरी शहर में 100 किलो कोकीन के साथ पकड़े गए अमरीका में रहने वाले पंजाबी मूल के एन.आर.आई. दम्पति के मामले ने ‘इंटरनैशनल ड्रग रैकेट’ में पंजाबी एन.आर.आई. लोगों की बढ़ती भूमिका को एक बार फिर उजागर कर दिया है।

जालंधर  (इनपुट डैस्क): कनाडा के कलगरी शहर में 100 किलो कोकीन के साथ पकड़े गए अमरीका में रहने वाले पंजाबी मूल के एन.आर.आई. दम्पति के मामले ने ‘इंटरनैशनल ड्रग रैकेट’ में पंजाबी एन.आर.आई. लोगों की बढ़ती भूमिका को एक बार फिर उजागर कर दिया है। अमरीका के कैलिफोॢनया निवासी गुरमिंद्र सिंह तूर (31) और किरणदीप कौर तूर (26) को कोकीन के ‘84 ब्रिक्स’ के साथ पकड़ा गया है जिसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत 8 मिलियन यू.एस. डॉलर से अधिक है। वे नशे की इस भारी खेप को एक ट्रक में भरकर ले जा रहे थे, जिन्हें कनाडा बॉर्डर सॢवस एजैंसी (सी.बी.एस.ए.) ने दोनों देशों के बॉर्डर इलाके में धर दबोचा। इस दम्पति की गिरफ्तारी ने साफ कर दिया है कि ‘इंटरनैशनल ड्रग रैकेट’ के गोरखधंधे को पंजाबी मूल के लोगों ने कब्जा लिया है। इससे पूर्व नशा तस्करी के मामलों में चाइनीज मूल के लोगों का दबदबा अधिक था। 


 

भारत ने मांगी है 18 एन.आर.आई. लोगों की जानकारी 


भोला ड्रग केस में एन्फोर्समैंट डायरैक्टोरेट (ई.डी.) ने 73 आरोपियों की चार्जशीट पेश करने के बाद 18 ऐसे एन.आर.आइज की जांच शुरू की है, जो वर्तमान में कनाडा व यू.के. में रह रहे हैं। ई.डी. के अधिकारियों की जानकारी के मुताबिक एन्फोर्समैंट डायरैक्टोरेट ने जांच के लिए दोनों देशों की सरकारों को विशेष पत्र व ज्यूडीशियल रिक्वैस्ट भेजी है ताकि इन आरोपियों को पूछताछ के लिए भारत लाया जा सके। ये लोग अधिकतर एन.आर.आई. व भारत मूल में जन्म लेने वाले लोग हैं। ई.डी. के अधिकारियों का कहना है कि इन सभी लोगों के नाम व पते भी दोनों सरकारों को प्रेषित किए गए हैं। ई.डी. को दोनों देशों की सरकारों के जवाब का इंतजार है। अधिकारियों का कहना है कि कानूनी प्रक्रियाओं की पेचीदगी के चलते इसमें कुछ वक्त लग सकता है। ये सभी 18 लोग भोला ड्रग मामले की जांच के दौरान राडार पर आए थे। 18 लोगों की इस लिस्ट में इंटरनैशनल ड्रग तस्करी के आरोपी परमिंद्र सिंह दियो ‘पिंदी’ व अमरिंद्र सिंह लाडी के नाम भी शामिल हैं। एन्फोर्समैंट के डिप्टी डायरैक्टर निरंजन सिंह 2014 से इस मामले की जांच में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि मामले की जांच जारी है।


 

विदेशों में गैंगवार से कायम हो रहा धंधे पर दबदबा  
कनाडा, यू.के. में ड्रग्स तस्करी के धंधे में पंजाबी मूल की संलिप्तता के बाद आए दिन गैंगवार भी दर्ज किए जा रहे हैं। धंधे पर अपना दबदबा कायम रखने के लिए कइयों को निशाना बनाया जा रहा है। कुछ महीनों पहले एक गैंगवार में पंजाब मूल के 34 वर्षीय युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक युवक की पहचान सुखबीर सिंह दियो पुत्र ‘परमिंद्र सिंह दियो उर्फ पिंदी’ के रूप में हुई है। पिंदी ड्रग्स के मामलों में पहले से ही वांटेड चल रहा है। 


 

जल्द अमीर बनने का लालच बना रहा तस्कर  
उधर, इस घटना के बाद से ही सिख समुदाय में इसकी प्रतिक्रिया तेज हो गई है। ‘नैशनल सिख कैंपेन’ के फाऊंडर राजवंत सिंह का कहना है कि इस मामले ने पूरे सिख समुदाय को बदनाम किया है। उनका कहना है कि भारत से विदेशों में आने वाले लोग रातों-रात अमीर होने की चाहत लेकर पहुंचते हैं। लिहाजा ऐसे लोग आसानी से ंड्रग डीलरों के शिकंजे में फंस रहे हैं। उन्होंने कहा कि दर्जनों युवक गैंगवार का शिकार हुए हैं जबकि कई विदेशी जेलों में सजा काट रहे हैं।


 

बॉर्डर इलाकों में बने हैं तस्करों के गोल्डन रूट 
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय ड्रग तस्कर एशिया, यूरोप और अमरीका के देशों को विशेष रूट से जोड़े हुए हैं। अफगानिस्तान, भारत, पाकिस्तान, चीन को इस रूट से जोड़ा गया है और बॉर्डर इलाकों से यह ड्रग्स एक देश से दूसरे देश में पहुंचाई जा रही है। हालांकि सुरक्षा एजैंसियां मामलों को लेकर चौकस हैं लेकिन फिर भी अंतर्राष्ट्रीय ड्रग पैडलर स्थानीय लोगों को पैसों के लालच में फंसाकर ड्रग्स को यहां से वहां भिजवाते रहते हैं।  

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