Edited By Updated: 04 Nov, 2016 09:56 AM
2 महीने में ही पंजाब सरकार ने आईकॉनिक बिल्डिंग पॉलिसी पर यू-टर्न ले लिया है।
चंडीगढ़ (अश्वनी): 2 महीने में ही पंजाब सरकार ने आईकॉनिक बिल्डिंग पॉलिसी पर यू-टर्न ले लिया है। पहले जहां इस पॉलिसी में बिल्डिंग की कम से कम ऊंचाई 130 मीटर निर्धारित की गई थी, अब उसे घटाकर 100 मीटर कर दिया गया है। अगस्त 2016 में सरकार ने यह पॉलिसी जारी करते हुए आईकॉनिक बिल्डिंग बनाने वालों को चेंज ऑफ लैंड यूज, एक्सटर्नल डिवैल्पमैंट चार्जिस, लाइसैंस-परमिशन फीस में 50 फीसदी छूट देने का ऐलान किया था।
पॉलिसी में कहा गया था कि सरकार की कोशिश इस पॉलिसी के जरिए ऐसी खास इमारतों को तवज्जो देने की है जो शहरी विकास में अपनी अलग अहमियत रखती हैं। ऐसी इमारतें न केवल योजनाबद्ध शहरी विकास में सहयोग करेंगी बल्कि अार्थिक विकास में भी योगदान देंगी। इन इमारतों का निर्माण प्रदेश के मंजूरशुदा मास्टर प्लान के प्रस्तावित जोन में किया जा सकेगा।
पॉलिसी में सरकार ने न्यूनतम ऊंचाई फिक्स करने के अलावा ग्राऊंड कवरेज एरिया अधिकतम 25 फीसदी निर्धारित किया है। साथ ही, इमारत का फाइव स्टार रेंटिंग के साथ ईको-फ्रैंडली होना भी अनिवार्य है। इनमें जल संचय, ऊर्जा संचय जैसे पर्यावरण हितैषी नियमों का पालन करना जरूरी होगा।
आईकॉनिक बिल्डिंग की मंजूरी प्रक्रिया में बदलाव नहीं किया गया है। निगम की हद के बाहर 10 सदस्यीय कमेटी आईकॉनिक बिल्डिंग निर्धारित करेगी। कमेटी में हाऊसिंग एंड अर्बन डिवैल्पमैंट डिपार्टमैंट के प्रिंसीपल सैक्रेटरी/सैक्रेटरी चेयरमैन होंगे, जबकि पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के प्रतिनिधि मैंबर सैक्रेटरी की भूमिका निभाएंगे। इसके अलावा, संबंधित प्राधिकरण के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर, चीफ इंजीनियर, डायरैक्टर टाऊन एंड कंट्री प्लाङ्क्षनग, चीफ आर्कीटैक्ट, चीफ टाऊन प्लानर और पेडा, फायर डिपार्टमैंट व एक खास प्रतिनिधि भी कमेटी का हिस्सा होंगे।
वहीं, निगम की हद में 9 सदस्यीय कमेटी आईकॉनिक बिल्डिंग पर मोहर लगाएगी। इसमें हाऊसिंग एंड अर्बन डिवैल्पमैंट डिपार्टमैंट के प्रिंसीपल सैक्रेटरी/सैक्रेटरी चेयरमैन होंगे जबकि पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के प्रतिनिधि मैंबर सैक्रेटरी की भूमिका निभाएंगे। इसके अलावा, संबंधित नगर निगम या नगर निकाय के कमिश्नर या डिप्टी डायरैक्टर, चीफ इंजीनियर, डायरैक्टर टाऊन एंड कंट्री प्लाङ्क्षनग, चीफ आर्कीटैक्ट और पेडा, फायर डिपार्टमैंट व एक खास प्रतिनिधि भी कमेटी का हिस्सा होंगे।
आर्कीटैक्ट को देना होगा घोषणा पत्र
इन इमारतों का निर्माण कार्य व इन्सैंटिव मिलना तभी तय होगा, जब इस पॉलिसी के तहत गठित कमेटी इमारत के बेसिक कॉन्सैप्ट को मंजूरी प्रदान कर देगी। इसके लिए वास्तुकार को स्वघोषणा पत्र देना होगा। बेशक निर्माण से पहले बिल्डिंग प्लान की मंजूरी अनिवार्य नहीं की गई है लेकिन निर्माण कार्य के बिल्डिंग प्लान वास्तुकार को स्वघोषणा पत्र निर्धारित फीस के साथ सक्षम प्राधिकारी के पास जमा करवाने होंगे।