हत्यारे के पक्ष में खैहरा,बेअंत सिंह के परिवार से माफी की अपील

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Mar, 2018 05:16 PM

i urge the family of late beant singh forgive his killers too

आप आदमी पार्टी नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने ट्वीट कर  पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह के परिवार से उनकी हत्या करने वाले को माफ करने की अपील की है।

चंडीगढ़(सोनिया गोस्वामी): आम आदमी पार्टी नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने ट्वीट कर  पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह के परिवार से उनकी हत्या करने वाले को माफ करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अगर गांधी परिवार ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के हत्यारों को माफ कर दिया है तो अब बेअंत सिंह के हत्यारे को भी माफी दे देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सिंह की हत्या के पीछे कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं थी। पंजाब में अपनी पैठ बनाने के लिए खैहरा ने ये मुद्दा तब उठाया जब गांधी परिवार ने हत्यारों को माफी दी।  

 

कैप्टन अमरेंद्र पर साधा निशाना

वहीं खैहरा ने पंजाब के सीएम कैप्टन अमरेंद्र के खिलाफ भी ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि वे अपने वादे से हटते हुए जंगे-आजादी स्मारक पर खुद उद्धाटन करने पहुंच गए।

 

 

बेअंत सिंह मौत मामला
बता दें कि 31 अगस्त, 1995  पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह और 17 अन्य की हत्या पंजाब और हरियाणा सचिवालय के बाहर दिलावर सिंह नामक एक मानव बम द्वारा कर दी गई थी। सितंबर 1995 में चंडीगढ़ की पुलिस ने दिल्ली के पंजीकरण नंबर वाली एक लावारिस एंबेसडर कार बरामद की जिसके बाद एक पेंटर द्वारा उपलब्ध कराए गए सुरागों के आधार पर लखविंदर सिंह की गिरफ्तारी की गई। सितंबर 1995 में लखविंदर सिंह के खुलासे के बाद बीपीएल कंपनी के एक इंजीनियर गुरमीत सिंह की गिरफ्तारी की गई। 19 फरवरी 1996 को चंडीगढ़ की सत्र अदालत में तीन भगोड़ों सहित 12 लोगों के खिलाफ चालान दायर किया गया।

 

 

 

19 फरवरी 1996  तीन अप्रवासियों मंजीन्दर सिंह ग्रेवाल (इंग्लैंड), रेशम सिंह (जर्मनी) और हरजीत सिंह (अमेरिका) को फरार घोषित किया गया। 30 अप्रैल 1996 में चंडीगढ़ की जिला और सत्र अदालत में कुल नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया। इनमें गुरमीत सिंह, नसीब सिंह, झिंगारा सिंह, लखविंदर सिंह, नवजोत सिंह, जगतार सिंह तारा, शमशेर सिंह, जगतार सिंह हवारा और बलवंत सिंह शामिल थे। इसके अलावा तीन लोगों महाल सिंह, वधवा सिंह और जगरूप सिंह को फरार घोषित किया गया। 31 जुलाई 2007 को जगतार सिंह हवारा और बलवंत सिंह को मौत की सजा दी गई. वहीं गुरमीत सिंह, लखविंदर सिंह और शमशेर सिंह को उम्रकैद और नसीब सिंह को 10 साल कैद की सजा दी गई। 12 अक्टूबर 2010 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने जगतार सिंह हवारा के मृत्युदंड को उम्रकैद में तब्दील किया और बलवंत सिंह की मौत की सजा को बरकरार रखा. तीन अन्य आरोपियों शमशेर सिंह, गुरमीत सिंह और लखविंदर सिंह की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा। 

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