Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Sep, 2017 03:53 PM
रेयान इंटरनैशनल स्कूल गुरुग्राम (हरियाणा) की घटना के बाद स्कूली बच्चों के अभिभावकों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढऩा स्वाभाविक है।
रूपनगर (विजय): रेयान इंटरनैशनल स्कूल गुरुग्राम (हरियाणा) की घटना के बाद स्कूली बच्चों के अभिभावकों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढऩा स्वाभाविक है। स्थानीय होली फैमिली स्कूल में एक यू.के.जी. कक्षा के बच्चे को चेहरे पर काफी चोट आई जिस कारण उसका काफी खून बह गया पर उसको फर्स्ट एड लगभग डेढ़ घंटे बाद प्राप्त हुई।
इस कारण बच्चे के माता-पिता में स्कूल प्रबंधकों के प्रति रोष है और उन्होंने बच्चों की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए जिलाधीश गुरनीत तेज से जांच की मांग की है। पता चला है कि गत दिवस दोपहर को स्कूल समय यू.के.जी. के क्लास टीचर द्वारा स्कूल ग्राऊंड में बच्चों की दौड़ लगवाई जा रही थी कि यू.के.जी. का छात्र क्षितिज सूद पुत्र अजय सूद निवासी छोटा खेड़ा रूपनगर गिर गया और उसकी ठोडी पर गहरी चोट लगी। इससे उसका खून बहा व चमड़ी लटक गई। बच्चा रोता रहा और उसकी कमीज खून से लथपथ हो गई।
स्कूल के कर्मचारी ने फोन पर दी बच्चे के घर सूचना
काफी समय बाद स्कूल के एक कर्मचारी ने बच्चे की माता रजनी सूद को फोन पर सूचना दी कि उनके बच्चे को चोट लग गई है और वह स्कूल में आ जाएं। रजनी सूद ने बताया कि जिस समय घटना की सूचना स्कूल से मिली तो उस समय वह घर में अकेली थी क्योंकि उसका पति लुधियाना में नौकरी करता है। आनन-फानन में वह एक पड़ोसी को लेकर स्कूल पहुंची तो बच्चे की हालत देखकर घबरा गई और उसने पूछा कि इसे फस्र्ट एड क्यों नहीं दी गई तो उन्होंने कहा कि स्कूल में ऐसा कोई प्रबंध नहीं है और आप बच्चे को अस्पताल ले जाएं। उसके पश्चात वे बच्चे को सिविल अस्पताल रूपनगर ले गए जहां पर उसे फस्र्ट एड दी गई और उसकी चोट पर टांके लगाने पड़े।
स्कूल में साफ पानी न मिलने के भी लगाए आरोप
बच्चे के माता-पिता ने स्कूल प्रबंधकों पर आरोप लगाया कि स्कूल में बच्चों की कोई सुरक्षा नहीं है। बच्चे को चोट लगने के उपरांत कोई मैडीकल सुविधा नहीं दी गई और उसका काफी खून बह गया। स्कूल के किसी भी टीचर व प्रबंधक ने कोई सहायता नहीं की और न ही सहानुभूतिपूर्वक बच्चे के माता-पिता को पूछा। रजनी सूद ने बताया कि स्कूल में साफ पानी न मिलने के कारण पहले भी बच्चा बीमार हो गया था और उसका इलाज पी.जी.आई. चंडीगढ़ से करवाना पड़ा। बीमारी की हालत में भी स्कूल प्रबंधकों ने बच्चे को परीक्षा देने के लिए मजबूर किया जोकि अमानवीय घटना है। बच्चे के माता-पिता ने जिला प्रशासन से मांग की कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर जांच करवाई जाए और स्कूल की लापरवाही पर बनती कार्रवाई की जाए ताकि दोबारा इस तरह की घटना न हो।