गुरदासपुर उपचुनावः1998 में शुरू हुई विनोद खन्ना की पारी-अब किसके हाथ होगी कमान

Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Sep, 2017 01:28 PM

gurdaspur bypoll

गुरदासपुर के भाजपा सांसद विनोद खन्ना का अप्रैल 2017 में देहांत होने के कारण गुरदासपुर लोकसभा सीट खाली पड़ी थी

गुरदासपुर  (विनोद): गुरदासपुर के भाजपा सांसद विनोद खन्ना का अप्रैल 2017 में देहांत होने के कारण गुरदासपुर लोकसभा सीट खाली पड़ी थी तथा इस सीट पर उप-चुनाव होने संबंधी किसी ने सोचा भी नहीं था कि निर्वाचन आयोग इतनी जल्दी चुनाव की घोषणा कर मात्र 27 दिन ही चुनाव प्रचार के लिए देगा। यदि इस लोकसभा हलके के बीते समय पर नजर दौड़ाई जाए तो पता चलता है कि लोकसभा चुनाव में जीत-हार हलके के विधायकों की संख्या पर निर्भर करती रही है तथा एक-दो बार उसी राजनीतिक दल का उम्मीदवार लोकसभा चुनाव जीतने में सफल हुआ जिसके इस लोकसभा हलके में विधायक अधिक थे जबकि अधिकतर चुनावों में विधायकों की संख्या विशेष भूमिका नहीं निभा सकी।


1998 में शुरू हुई विनोद खन्ना की पारी 
वर्ष 1998 में होने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की सुखबंस कौर भिंडर के सामने चुनाव लडऩे के लिए कोई भी स्थानीय नेता हिम्मत नहीं दिखा रहा था। इस वर्ष अकाली दल व भाजपा ने मिलकर चुनाव लडऩे का निर्णय लिया तथा गुरदासपुर लोकसभा सीट भाजपा के खाते में आ गई। परंतु कोई उम्मीदवार सुखबंस कौर भिंडर के सामने खड़ा नहीं हो रहा था जबकि उस समय लोकसभा हलके में 11 विधानसभा सीटें आती थीं। तब अकाली दल व भाजपा के 5-5 विधायक थे तथा एक आजाद विधायक था। उसके बावजूद कोई उम्मीदवार गठबंधन को नहीं मिल रहा था। तब भाजपा हाईकमान ने विनोद खन्ना को गुरदासपुर लोकसभा चुनाव लडऩे के लिए भेज दिया। नए जोश, नए उम्मीदवार के चलते विनोद खन्ना ने 5 बार चुनाव जीत चुकी सुखबंस कौर भिंडर को 1 लाख 6 हजार 833 मतों से पराजित कर सभी को हैरान कर दिया। 

पुलों वाला खन्ना के नाम से मशहूर हुए सांसद 

देश की आजादी के बाद से ही रावी दरिया पर  कथलौर के पास पुल बनाकर नरोट जैमल सिंह इलाके को जिला गुरदासपुर मुख्यालय से जोडऩे तथा ब्यास दरिया पर पुरानाशाला के पास पुल बनाकर जिला होशियारपुर को जिला गुरदासपुर के साथ जोडऩे की मांग चल रही थी। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान विनोद खन्ना ने बिना सोचे-समझे लोगों से यह वायदा कर दिया कि यदि सरकार यह पुल नहीं बनाएगी तो वह अपने स्तर पर यह दोनों पुल बनावकर देंगे। परंतु तब उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि इन दोनों पुलों पर लगभग 100 करोड़ रुपए खर्च आएगा परंतु उन्होंने हिम्मत कर सरकार से दोनों पुल मंजूर करवा लोगों से किया वायदा पूरा करने के लिए रिकार्ड समय में दोनों पुल बनावा दिए। जिस कारण विनोद खन्ना पुलों वाला खन्ना के नाम से मशहूर हुए।


इसी तरह विनोद खन्ना ने हलके के सभी सरकारी लड़कियों के स्कूलों में शौचालय बनवाकर काफी वाहवाही लूटी। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में पढऩे वाली लड़कियों को खुले में शौच आदि के लिए जाना पड़ता था। इसी तरह छोटे बच्चे जिनके दिल में छेद थे उनका मुफ्त इलाज विनोद खन्ना ने करवाया जबकि वह स्थानीय स्तर की राजनीति से दूर रहे तथा केवल एक सांसद के होने वाले कार्यों तक ही सीमित रहे। यही कारण था कि वह वर्ष 1999 तथा 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में सुखबंस कौर ङ्क्षभडर को पराजित करने में सफल रहे परंतु 2009 का चुनाव हारने के बाद वह 2014 का फिर लोकसभा चुनाव जीतने में सफल रहे। लेकिन कैंसर की बीमारी के कारण उनका अप्रैल 2017 में देहांत हो गया।

 

भिंडर की उपलब्धियां भी कम नहीं
कांग्रेस की सांसद सुखबंस कौर भिंडर की उपलब्धियां भी कम नहीं हैं। उन्होंने गुरदासपुर में सरकारी बेअंत कालेज ऑफ इंजीनियरिंग तथा होटल मैनेजमैंट कालेजों की स्थापना की। गुरदासपुर में स्थापित शूगर मिल भी उनकी ही देन है जबकि इसके अतिरिक्त अन्य कई कार्य उन्होंने करवाए तथा सरकारी स्कूलों को अपग्रेड भी करवाया।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!