गुरदास मान नें नम अांखों से दी मां को विदाई, शोक में बोले अब कौन कहेगा ‘मर जाना’

Edited By Updated: 18 Nov, 2016 09:41 AM

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गिद्दड़बाहा की धरती पर जन्म लेकर पूरे संसार में अपनी गायकी से नाम कमाने वाले पंजाबी गायक गुरदास मान की 90 वर्षीय माता तेज कौर का गत दिन सायं करीब 7 बजे देहांत हो गया था जिनका आज गिद्दड़बाहा के श्मशानघाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया।

गिद्दड़बाहा  (कुलभूषण/संध्या): गिद्दड़बाहा की धरती पर जन्म लेकर पूरे संसार में अपनी गायकी से नाम कमाने वाले पंजाबी गायक गुरदास मान की 90 वर्षीय माता तेज कौर का गत दिन सायं करीब 7 बजे देहांत हो गया था जिनका आज गिद्दड़बाहा के श्मशानघाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया। 

माता तेज कौर पत्नी गुरदेव सिंह मान को उनके बड़े पुत्र गुरदास मान, छोटे पुत्र गुरपंथ सिंह मान और पौत्रों गुरइकमान और गिन्नी मान की तरफ से मुखाग्नि दी गई। इससे पहले माता तेज कौर की मृतक देह को कचहरी चौक में उनकी रिहायश पर आम लोगों के दर्शनों के लिए रखा गया। गिद्दड़बाहा और आसपास के इलाके के हजारों लोगों ने नम आंखों के साथ माता तेज कौर को श्रद्धांजलि भेंट की। 

माता तेज की मृतक देह को उनके निवास स्थान से शव वाहन के द्वारा गिद्दड़बाहा के श्मशानघाट में लाया गया।  गुरदास मान की माता तेज कौर की अंतिम यात्रा में गुरदास मान के साथ उनके सगे-संबंधियों व विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित जानी-मानी हस्तियों ने गिद्दड़बाहा पहुंच कर नम आंखों से अंतिम विदाई दी। 

अपनी मां के बचपन में बोले शब्दों को अक्सर ही अपने गीतों में ‘मर जानिया माना’, ‘मान मर जाना’ बयान करने वाले गुरदास मान ने आज अपनी माता के अंतिम संस्कार के बाद बड़े ही भावुक मन के साथ कहा कि उसे ‘मर जाना’ कहने वाली मां अब इस दुनिया से सदा के लिए चली गई है। 

उन्होंने अपना बचपन याद करते हुए कहा कि अक्सर ही जब वह खेल कर आते थे तो मां कहती थी ‘मर जानेया कहां से आया है?’  उन्होंने कहा कि खेल दौरान चोट खा कर आने पर मां ‘मर जाना’, ‘ढह जाना’, लैह जाना, टुट पैना आदि शब्दों का प्रयोग किया करती थीं। उन्होंने कहा कि ‘मां दीयां गालां, घियो दिया नालां।

मां की यादों को गीतों के रूप में पेश करेंगे मान
उन्होंने कहा कि मां जैसा घना पौधा और कोई नहीं हो सकता और वह दुआ करते हैं कि ईश्वर सबकी माताओं को सलामत रखे। वह आज मां की पवित्र यादों को समेट कर चले हैं जिनको वह अपने गीत के रूप में पेश करेंगे।
 

तेज कौर का जन्म स्थान
माता तेज कौर का जन्म वर्ष 1927 में पिता काकू सिंह के घर माता कृष्ण कौर की कोख से गांव कटारा सिंह वाला नजदीक भटिंडा में हुआ। माता तेज कौर की 2 बहनें व 2 भाई थे जिनमें से माता तेज कौर व भाई गुरदियाल सिंह इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं जबकि भाई गुरनाम सिंह ने आज अपनी बहन माता तेज कौर की अंतिम यात्रा में शिरकत करते उनके अंतिम संस्कार में भी हिस्सा लिया। 
ऐसी मरनी जो मरे बहुर न मरना होय
गुरदास मान ने कहा कि उनके माता जी को जिस तरह मौत आई और परमात्मा ने जिस तरह उनको अपनी लीला में समेट लिया ऐसी मौत के लिए सिर्फ यही कहा जा सकता है कि ‘ऐसी मरनी जो मरे बहुर न मरना होय’। 
ये हस्तियां हुई शामिल
इस मौके पर गुरदास मान की धर्मपत्नी मनजीत कौर मान, बेटा गुरइकमान, भाई गुरपंथ सिंह मान और उनका परिवार, मान साहब के चाचा के लड़के गुरमीत सिंह मान चेयरमैन हाऊसफैड पंजाब के अलावा गायक पम्मी बाई, के.दीप, दविन्द्र खन्नेवालिया, राज तिवाड़ी, अमरिन्द्र बोबी, पप्पा राजवालियां, गौरव जी, मनमोहन सिद्धू, सुखबीर संधू, गीतकार निर्मल दयोल, गायक सुखपाल पाली, गीतकार पिन्दर मान, सोनू सेठी, हरप्रीत सिंह कोटभाई विधायक मलोट, गिद्दड़बाहा से शिअद के प्रत्याशी हरदीप सिंह ङ्क्षडपी ढिल्लों, हरमोहन सिंह एस.एस.पी. रूरल जालंधर, सतिन्द्रजीत सिंह एस.एस.पी. खन्ना, गुरजीत सिंह रोमाना डी.एस.पी., जत्थेदार गुरपाल सिंह गोरा, अशोक बुट्टर डायरैक्टर पंजाब कंटेनर और वेयर हाऊस, समाजसेवी संस्थाओं के को-आर्डीनेटर अनमोल जुनेजा बबलू, भाई नंद लाल, जसपाल सिंह पाली, नगर कौंसिल के प्रधान जसवंत सिंह सिद्धू, पंजाब होम्योपैथिक कौंसिल के पूर्व चेयरमैन डा. भूपिन्द्र सिंह, डा. जी.एस. बावा, डा. बलतेज सिंह, आम आदमी पार्टी के कंवर संधू, युवा अकाली नेता सुखपाल सिंह गोल्डी और कांग्रेस के ब्लाक अध्यक्ष दीपक गर्ग आदि भी मौजूद थे।

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