Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Aug, 2017 12:06 PM
पहले किराया और सुविधाओं को लेकर रेल मंत्रालय व रेल मंत्री सुरेश प्रभु...
जालंधर(पाहवा): पहले किराया और सुविधाओं को लेकर रेल मंत्रालय व रेल मंत्री सुरेश प्रभु लगातार रेल यात्रियों के बीच चर्चा का विषय बने रहे थे। अब 4 दिन के अंदर हुई 2 बड़ी रेल दुर्घटनाओं की वजह से रेल मंत्री सुरेश प्रभु फिर से विवादों में आ गए हैं। रेल घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस्तीफे की पेशकश तो की लेकिन मोदी ने उन्हें अभी इंतजार करने को कहा है।
वैसे रेल मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सुरेश प्रभु की रेल मंत्रालय से छुट्टी तो काफी देर पहले से ही तय थी। प्रभु प्रधानमंत्री मोदी के उस प्रयोग का हिस्सा थे, जिसमें उन्हें अहम मंत्रालय सौंप कर बड़े बदलाव की संभावना जताई गई थी। प्रभु को विशेष तौर पर राज्यसभा के रास्ते मंत्री पद दिया गया था, लेकिन मोदी का वह प्रयोग विफल रहा । सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट में बदलाव के लिए चल रही चर्चा में प्रभु का नाम भी शामिल था। इस होने वाले फेरबदल में प्रभु का मंत्रालय बदला जाना तय था। 2 रेल दुर्घटनाओं के बाद प्रभु चाहते हैं कि उन्हें बाइज्जत रवाना किया जाए, जिसके लिए उन्होंने इस्तीफा देकर शहीद बनने का प्रयास भी किया है।
उधर, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन बनाए गए अश्विनी लोहानी का इस पद पर आना काफी देर से चर्चा में था। रेल व्यवस्था को लेकर मोदी बेहद चिंतित हैं क्योंकि यह परिवहन साधन सीधे तौर पर आम जनता के साथ जुड़ा हुआ है। इसमें भ्रष्टाचार भी चरम पर है। इस सबसे नाराज मोदी रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ए.के. मित्तल की जगह लोहानी को लाना चाहते थे। लोहानी प्रधानमंत्री मोदी की गुड बुक्स में हैं तथा उन्होंने मध्य प्रदेश और भारतीय पर्यटन विकास निगम जैसे बीमार विभागों का कायाकल्प किया था। लोहानी ने एयर इंडिया के चेयरमैन के तौर पर काम कर उसकी नुहार बदलने की पेशकश भी की थी लेकिन सरकार एयर इंडिया को बेचने का मूड बना चुकी है। बेशक लोहानी रेलवे बोर्ड के चेयरमैन के पद के लिए बेहद जूनियर आफिसर थे।
उधर, अब नए मंत्री को लेकर भी दिल्ली दरबार में चर्चा का बाजार गर्म हो गया है। खासकर भाजपा के खेमों में सुरेश प्रभु की जगह लेने वाले लोगों में से सबसे आगे नितिन गडकरी का नाम आ रहा है। मोदी सरकार में भूतल परिवहन मंत्री का जिम्मा संभालने वाले गडकरी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का आशीर्वाद हासिल है जबकि मोदी उनके मंत्रालय में कामकाज से भी खुश हैं। कैबिनेट में बदलाव के दौरान गडकरी को रेल मंत्रालय सौंपने पर भी चर्चा हो चुकी है, लेकिन गडकरी इस बात से खुश नहीं हैं।
वह चाहते हैं कि उनका मंत्रालय बदला न जाए बल्कि उन्हें भूतल परिवहन के साथ ही रेल मंत्रालय भी दे दिया जाए। अगर ऐसा होता है तो गडकरी मोदी कैबिनेट में सबसे अधिक सशक्त मंत्री बन जाएंगे जोकि उनके विरोधी नहीं चाहते। सूत्रों का कहना है कि वैसे मोदी भी चाहते थे कि गडकरी को समस्त परिवहन मंत्रालय दे दिया जाए लेकिन अब वह रेल मंत्रालय अलग रखने के मूड में हैं।