राजनाथ से मिलने पहुंचे कैप्टन अमरेंद्र,सुरक्षा व्यवस्था के मुद्दे पर हुई बातचीत

Edited By Updated: 23 Apr, 2017 12:51 AM

cm punjab met rajnath singh

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह अाज गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिले। इस मौके उनके साथ डी.जी.पी.सुरेश अरोड़ा भी मौजूद रहे। इस मौके उन्होंने  पंजाब की सुरक्षा व्यवस्था के मुद्दे पर  बातचीत की।

नई दिल्ली/चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने आज यहां केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर सिख युवकों को ब्लैकलिस्ट किए जाने का मुद्दा उठाते हुए सुझाव दिया कि किसी को भी धर्म के आधार पर ब्लैकलिस्ट नहीं किया जाना चाहिए ।   

 

कैप्टन सिंह के इस कदम को ब्लैकलिस्ट किए गए सिख युवकों को समाज की मुख्यधारा में लाने के प्रयासों के रूप में देखा जा रहा है। पंजाब सरकार के प्रवक्ता ने दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद कहा कि सिंह ने माना कि कुछ युवकों को कई वर्षों से ब्लैकलिस्ट में रखे जाने से सिख समुदाय के युवकों की मानसिकता प्रभावित हो रही है। सिंह ने इस मामले की समीक्षा पर सहमति जताई और कहा कि इन लोगों के बच्चों को भारत आने की अनुमति देने पर विचार किया जाएगा।  


कैप्टन सिंह ने शुक्रवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ मुलाकात के दौरान भी यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में सांप्रदायिक सछ्वावना बिगाडऩे के लिए साजिश की जा रही है और केन्द्र सरकार को केन्द्रीय जांच ब्यूरो तथा अन्य केन्द्रीय एजेन्सियों को राज्य में पवित्र वस्तुओं के अनादर तथा कुछ लोगों पर हमले के मामलों की घटनाओं की तेजी से जांच का निर्देश देना चाहिए। उन्होंने भारत-पाकिस्तान सीमा पर दूसरी रक्षा पंक्ति खड़ी करने के लिए सीमा सुरक्षा बल की पांच अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती की भी मांग की। राज्य में जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर बीएसएफ के जवानों की तैनाती की जरूरत पर भी उन्होंने बल दिया। 


पंजाब सीमा पर आतंकवादी हमलों और घुसपैठ की आशंका के मद्देनजर इसे राष्ट्रहित का कदम बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए तत्काल लगभग 200 करोड़ रुपए की राशि की जरूरत होगी। उन्होंने पंजाब के लिए मंजूर की गई दो भारत आरक्षी बटालियनों के लिए स्वीकृत राशि जारी करने की भी मांग की। पंजाब में पिछले साल से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, हिन्दुओं और शिवसेना के नेताओं को विशेष रूप से निशाना बनाए जाने का मामला उठाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सीबीआई, केन्द्रीय एजेन्सियों और राज्य पुलिस के बीच तालमेल और सहयोग के बावजूद हत्यारों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। 


उग्रवादियों और कट्टरपंथी संगठनों द्वारा संघ की शाखाओं, डीएसएस के नाम चर्चा केन्द्रों, धार्मिक स्थानों और चुङ्क्षनदा लोगों को निशाना बनाए जाने की खुफिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कैप्टन सिंह ने इस तरह के लंबित मामलों के समाधान के लिए प्रयास तेज किए जाने पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने पंजाब की जेलों से कई कुख्यात कैदियों के फरार होने का मामला उठाते हुए राज्य की बड़ी जेलों में सीआईएसएफ या सीआरपीएफ के अतिरिक्त जवानों को तैनात करने का भी अनुरोध किया। उन्होंने पंजाब पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए वित्तीय सहायता की जरूरत बताते हुए पंजाब को ए श्रेणी का राज्य अधिसूचित करने का मुद्दा भी उठाया। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!