Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Oct, 2017 09:35 AM
विदेशी भाषाएं जर्मन और फ्रैंच अगले शैक्षणिक सत्र से सी.बी.एस.ई. स्कूलों में ‘थ्री लैंग्वेज फॉर्मूले’ का हिस्सा नहीं बनेंगी।
लुधियाना (विक्की): विदेशी भाषाएं जर्मन और फ्रैंच अगले शैक्षणिक सत्र से सी.बी.एस.ई. स्कूलों में ‘थ्री लैंग्वेज फॉर्मूले’ का हिस्सा नहीं बनेंगी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सी.बी.एस.ई. को कहा है कि ऐसी व्यवस्था बनाई जाए कि अगर किसी छात्र को विदेशी भाषा पढऩी है तो वह उसे चौथी या 5वीं लैंग्वेज के रूप में चुने। एम.एच.आर.डी. के इस रुख से साफ है कि स्कूलों में अगले शैक्षणिक सत्र से थ्री लैंग्वेज फॉर्मूले में जर्मन और फ्रैंच जैसी विदेशी भाषाएं शामिल नहीं होंगी।
जानकारों के मुताबिक संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल भाषाओं को थ्री लैंग्वेज फॉर्मूले के तहत पढ़ाया जाना चाहिए, जबकि विदेशी भाषाओं को चौथी लैंग्वेज के रूप में। अब अगर सी.बी.एस.ई. एम.एच.आर.डी. की इस योजना को लागू करती है तो अगले वर्ष से यह बदलाव हो जाएंगे। फिलहाल स्टूडैंट्स थ्री लैंग्वेज के तहत विदेशी भाषा पढ़ रहे हैं।
एक आधुनिक भारतीय भाषा भी सीखनी चाहिए
सरकार द्वारा बनाई गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत थ्री लैंग्वेज फॉर्मूले में हिन्दी भाषी राज्यों के स्टूडैंट्स को हिन्दी व अंग्रेजी के अलावा एक आधुनिक भारतीय भाषा आवश्यक रूप से सीखनी चाहिए। मौजूदा समय में देशभर में करीब 18 हजार से अधिक सी.बी.एस.ई. एफीलिएटिड स्कूल स्टूडैंट्स को मातृ भाषा हिन्दी और अंग्रेजी के अलावा जर्मन व फ्रैंच जैसी एक भाषा को 8वीं कक्षा तक पढ़ाते हैं।
थ्री लैंग्वेज फॉर्मूले को सही ढंग से लागू नहीं कर पाए थे स्कूल
थ्री लैंग्वेज फॉर्मूले का मकसद यह था कि स्टूडैंट्स अपनी मातृभाषा के साथ-साथ दूसरी भारतीय भाषाएं भी सीख सकें। उदाहरण के तौर पर उत्तरी भारत के लोग हिन्दी के साथ दक्षिण भारत व उत्तर-पूर्व में बोली जाने वाली भाषा सीख सकें लेकिन सी.बी.एस.ई. स्कूलों में थ्री लैंग्वेज फॉर्मूले को सही ढंग से लागू नहीं किया गया। स्कूलों में भारतीय भाषाओं की बजाय छात्रों को लैंग्वेज फॉर्मूले के तहत जर्मन व फ्रैंच जैसी भाषाएं ही पढ़ाई जाती रहीं।
जिस राज्य में हम रह रहे हैं, उसकी भाषा और संस्कृति का ज्ञान होना बेहद जरूरी है। इसके अलावा हिन्दी राष्ट्रभाषा होने के चलते पढ़ाई जानी लाजिमी है। अगर फिर भी स्टूडैंट्स को विदेशी भाषा पढऩी है तो वे इसे चौथी लैंग्वेज के रूप में अडॉप्ट करके पढ़ सकते हैं। सी.बी.एस.ई. का यह निर्णय थ्री लैंग्वेज फॉर्मूले को और मजबूती प्रदान करेगा। - डी.पी. गुलेरिया, डायरैक्टर सहोदया स्कूल।थ्री लैंग्वेज में होंगी भारतीय भाषाएं
थ्री लैंग्वेज फॉर्मूले के तहत स्टूडैंट्स संविधान की 22 भाषाएं और अंग्रेजी सहित कुल 23 भाषाओं में से कोई भी 3 लैंग्वेज चुन सकते हैं। इस फॉर्मूले के तहत स्टूडैंट्स को 23 भाषाओं में से ही 3 भाषाओं का चयन करना होगा। अगर स्टूडैंट्स को जर्मन, फ्रैंच या अन्य विदेशी भाषा पढऩी है तो इसे चौथे या 5वें विकल्प के रूप में पढ़ सकते हैं लेकिन थ्री लैंग्वेज में भारतीय भाषाएं ही होंगी। पता चला है कि पिछले दिनों केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी सी.बी.एस.ई. को इस संबंधी सर्कुलर जारी करने के निर्देश दिए थे।