Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Aug, 2017 10:41 AM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह पंजाब की सीमा पर सिखृ रेजीमेंट की 3 बटालियन के सैनिकों के साथ राज गुजारी जिससे राजनीतिक गलियारें में चर्चाएं शुरु हो गई हैं। विपक्ष इसे गुरदासपुर चुनाव को लेकर कैप्टन का चुनावी स्टंट मान रहा है।
टिब्बरी छावनी( गुरदासपुर): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह पंजाब की सीमा पर सिखृ रेजीमेंट की 3 बटालियन के सैनिकों के साथ राज गुजारी जिससे राजनीतिक गलियारें में चर्चाएं शुरु हो गई हैं। विपक्ष इसे गुरदासपुर चुनाव को लेकर कैप्टन का चुनावी स्टंट मान रहा है।
पूरी तरह फौजी होने के नाते कैप्टन अपने आप को एक सम्पूर्ण सैनिक कहते हैं। 75 साल की उम्र में भी पंजाब के मुख्यमंत्री चाहे एक युवा फौजी नहीं हैं परन्तु वह अभी भी पूरे दिल से एक फौजी ही हैं जिन का पहला प्यार सेना ही है। इसलिए ही उन्होंने 14 अगस्त, 2017 की रात सिक्ख बटालियन के सैनिकों के साथ गुजारने का समय चुना।
एक फौजी अधिकारी होते हुए वह इसी बटालियन के साथ सम्बन्धित थे। कैप्टन अमरेंद्र सिंह के लिए यह समय गत इतिहास में चले जाने जैसा था। उन्होंने दशकों बाद पहली बारी अपनी‘नेता’ वाली छवि को परे रख कर वह इस बड़े खाने में शामिल हुए चाहे कि वह अपने मन से कभी भी इस से दूर भी न रहे।
इस लगाव का कारण सिर्फ यही है कि वह हमेशा ही अपने मन से भारतीय सेना के साथ जुड़े रहे हैं चाहे कि वह अनेकों वर्षों से इस में सक्रिय नहीं हैं। एक फौजी इतिहासकार के तौर पर वह लगातार सेना के साथ जुड़े हुए हैं। उन्होंने अपनी, बहुत सी लोकप्रिय किताबों में फौज के अनेकों तथ्यों को समल्लित किया है।
इस अवसर पर एक फौजी ने कहा,‘यह कई पक्षों से हमारे लिए एक विशेष दिन है।कैप्टन सिंह ने यह अवसर हमारे लिए यादगारी बना दिया है।’एक भद्र पुरुष होने के नाते कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने के लिए यह एक विशेष मौका बनाने हेतू वहाँ के फौजियों को सेहरा दिया।