Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jul, 2017 05:22 PM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने राज्य के किसानों द्वारा राष्ट्रीय व प्राइवेट बैंकों से लिए गए 6000 करोड़ रुपए के ऋणों का एक ही बार निपटारा करने की मांग केंद्र सरकार से की है।
जालन्धर(धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने राज्य के किसानों द्वारा राष्ट्रीय व प्राइवेट बैंकों से लिए गए 6000 करोड़ रुपए के ऋणों का एक ही बार निपटारा करने की मांग केंद्र सरकार से की है। इससे राज्य के 4.5 लाख किसानों को लाभ पहुंच सकता है। इस संबंधी कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली से आज नई दिल्ली में मुलाकात की। उनके साथ पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल भी थे।
मुख्यमंत्री ने जेतली से कहा कि वह किसानों के 6000 करोड़ रुपए के ऋण को टर्म लोन में तबदील करने के भारतीय रिजर्व बैंक को निर्देश जारी करे। राज्य सरकार द्वारा पंजाब में छोटे व सीमांत किसानों का ऋण माफ किया गया है। इसमें से 3600 करोड़ रुपए किसानों ने सहकारी बैंकों से लिए थे जबकि शेष 6000 करोड़ रुपए की राशि इन किसानों ने राष्ट्रीय व प्राइवेट बैंकों से ऋण के रूप में ली हुई है। उन्होंने कहा कि इन बैंकों ने किसानों को ऋणों के जंजाल में फंसा कर रख दिया है। इनसे वह जीवन भर निकल नहीं सकते इसलिए बैंकों की ऋण माफी भी अनिवार्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 31000 करोड़ की सी.सी.एल. (कैश क्रैडिट लिमिट) को लेकर जो विवाद चल रहा है उसका वित्त मंत्रालय को निपटारा करना चाहिए। वास्तव में 12500 करोड़ की सी.सी.एल. पर 18500 करोड़ का ब्याज ही लगाया गया है। उन्होंने कहा कि अगर इसको माफ नहीं किया जाता है तो पंजाब को अगले 20 वर्षों तक हर माह 270 करोड़ रुपए का भुगतान करना पड़ेगा। उन्होंने जेतली को बताया कि हर वर्ष 40,000 करोड़ रुपए के खाद्यानों की खरीद की जाती है जिसमें राज्य को 5500 करोड़ रुपए का नुक्सान झेलना पड़ता है। इसमें 3500 करोड़ रुपए बकाया सी.सी.एल. की किश्तों व ब्याज का शामिल है।
उन्होंने वित्त मंत्री से कहा कि वह राज्य के उच्च ब्याज राशि वाले 22110 करोड़ के एन.एस.एस.एफ. लोन तथा 22938 करोड़ के मार्कीट लोन को कम ब्याज में परिवर्तित कर दें जिससे आॢथक संकट में फंसी राज्य सरकार को 3363 करोड़ रुपए के ब्याज के बोझ से मुक्ति मिल जाएगी। उन्होंने गुरुद्वारों, मंदिरों, चर्चों व मस्जिदों में प्रयुक्त होने वाले लंगर व उसकी सामग्री को जी.एस.टी. के घेरे से बाहर रखने की भी गुहार लगाई। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह पंजाब सरकार के साथ मिलकर इन मसलों का निपटारा करने में अपनी ओर से सहयोग करें।