Edited By Updated: 22 May, 2017 04:22 PM
भारतीय जनता पार्टी के प्रधान अमित शाह के साल 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले अकाली दल (बादल) के साथ रिश्तों के बारे में पुनर्विचार करने के बयान ने सियासी हलकों में खलबली मचा दी है।
चंडीगढ़ः भारतीय जनता पार्टी के प्रधान अमित शाह के साल 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले अकाली दल (बादल) के साथ रिश्तों के बारे में पुनर्विचार करने के बयान ने सियासी हलकों में खलबली मचा दी है। अमित शाह के दौरे से एक बात अौर साफ हो गई है कि हाईकमान मौजूदा लीडरशिप से खुश नहीं है। भाजपा जल्द ही अपने प्रधान को बदलने जा रही है। इस बार दलित चेहरे की बजाए सिख चेहरे को उतारा जा सकता है। इसके लिए इकबाल सिंह लालपुरा अौर मनजीत सिंह राय के नाम पर विचार चल रहा है।
कमल शर्मा का कार्यकाल पूरा होने के बाद भाजपा ने विजय सांपला के रुप में दलित चेहरे को पंजाब में उतारा था लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को इसका कोई फायदा नहीं हुअा। पार्टी की सीटें 12 से कम होकर मात्र 3 ही रह गई। भाजपा का सारा हिंदू वोट बैंक कांग्रेस की अोर खिसक जाने से कांग्रेस को अप्रत्याशित 77 सीटें मिलीं जो अब तक के इतिहास में किसी एक पार्टी की सबसे बड़ी जीत है।
सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अार.एस.एस.पंजाब ने राकेश राठौर,श्वेत मलिक अौर नरिंदर परमार के नाम हाईकमान को प्रदेश प्रधान के लिए भेजे थे लेकिन इन तीनों के नामों को खारिज कर दिया गया।
हाईकमान चहता है कि इस बार किसी सिख चेहरे को प्रधान बनाया जाए अौर अकाली दल से नाता तोड़कर अकेले दम पर चुनाव लड़े जाएं। पार्टी के उपप्रधान इकबाल सिंह लालपुरा अौर उपप्रधान मनजीत सिंह राय में से किसी एक के नाम पर सहमति बनाई जा सकती है।