लोकसभा चुनाव के साथ कई राज्यों के चुनाव करवाने की रणनीति पर भाजपा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Aug, 2017 12:32 AM

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केंद्र की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कांग्रेस मुक्त....

जालंधर(रविंदर शर्मा): केंद्र की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कांग्रेस मुक्त भारत के सपने को पूरा करने के लिए गंभीरता से मंथन में जुट गई है। भाजपा की आगामी रणनीति है कि लोकसभा चुनावों के साथ ही पैंङ्क्षडग चल रहे कई राज्यों के विधानसभा चुनाव करवाए जाएं। भाजपा के ङ्क्षथक टैंक सोचते हैं कि इसका फायदा भाजपा को मिलेगा और कांग्रेस को देशभर में इसका नुक्सान होगा जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ऐसा करने के हक में नहीं हैं क्योंकि कई राज्यों में भाजपा की लंबे समय से सरकारें है और यहां भाजपा के खिलाफ जमकर जनआक्रोश है, जिसका फायदा कांग्रेस को मिल सकता है, मगर संसदीय चुनाव के साथ अगर इन राज्यों में चुनाव हुए तो इसका फायदा लेने से कांग्रेस वंचित रह सकती है। अब दोनों राष्ट्रीय पार्टियों की यह लड़ाई क्या रूप लेती है, यह आने वाला वक्त बताएगा।


भाजपा राज्यसभा में मजबूत होने के बाद अब इस तरह का आर्डीनैंस लाने की तैयारी में जुट गई है। भाजपा पहले भी इस बात को प्रमुखता से उठाती रही है कि लोकसभा चुनाव के साथ ही राज्यों के विधानसभा चुनाव होने चाहिएं। इसके पीछे तर्क साफ था कि इससे न केवल चुनावी खर्च कम होगा बल्कि समय-समय पर होने वाले विधानसभा चुनावों पर लगने वाली मशीनरी व समय की बचत भी होगी। हालांकि इसके लिए पहले भाजपा ने 2024 के संसदीय चुनावों को चुना था मगर अब लोकसभा के साथ-साथ राज्यसभा में भी बहुमत में आने के बाद भाजपा के ङ्क्षथक टैंक इस तरह का आर्डीनैंस लाने पर अभी से विचार करने लगे हैं क्योंकि मौजूदा दौर में 2019 के संसदीय चुनावों के मद्देनजर मोदी के सामने कोई नेता टिकता नजर नहीं आ रहा है तो भाजपा इसका फायदा 2019 में ही उठाना चाहती है।


भाजपा की इस रणनीति की भनक कांग्रेस को भी लग चुकी है और कांग्रेस नहीं चाहती कि लोकसभा के साथ ही पैंङ्क्षडग चल रहे कई राज्यों के विधानसभा चुनाव भी हों। राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश व मिजोरम में सरकारों का समय दिसंबर, 2018 में पूरा होने जा रहा है। इनमें से राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश जैसे बड़े राज्यों में पिछले 15 साल से भाजपा की सरकार है। यहां भाजपा सरकारों के खिलाफ जमकर एंटी इन्कम्बैंसी है, जिसका फायदा कांग्रेस उठा सकती है। कांग्रेसी नेता भी मानते हैं कि जिस तरह से पार्टी ने पंजाब में कम बैक किया है, उसी तरह कांग्रेस को आने वाले समय में राजस्थान व महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों में बेहद उम्मीद दिखाई दे रही है। इसके अलावा मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में खुद राहुल गांधी गंभीरता से फोकस कर रहे हैं।  इसके अतिरिक्त आंध्र प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम में सरकारों का समय मई 2019 में पूरा होने वाला है। 


2019 में ही संसदीय चुनाव पैंङ्क्षडग हैं। भाजपा चाहती है कि इन सातों राज्यों के चुनाव आने वाले संसदीय चुनावों के साथ ही करवाए जाएं ताकि भाजपा सरकारों के खिलाफ चल रही जनविरोधी लहर को खत्म कर मोदी सरकार के पक्ष में चल रही लहर का 2019 में फायदा उठाया और कांग्रेस मुक्त भारत के सपने को पूरा किया जा सके। कांग्रेसी नेता इस बात को लेकर भाजपा के साथ हर तरह की लड़ाई लडऩे के मूड में हैं और भाजपा के इस मूव के खिलाफ कांग्रेस सभी विपक्षी पार्टियों को भी एकजुट कर सकती है। 

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