Edited By Updated: 10 May, 2017 09:00 AM
आशुतोष महाराज समाधि मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
चंडीगढ़ः आशुतोष महाराज समाधि मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। मंगलवार को पंजाब सरकार, संस्थान व कथित पुत्र की ओर से अपना-अपना पक्ष रखा गया और सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखने का निर्णय लिया।
जालंधर के डेरा नूरमहल स्थित दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के संस्थापक आशुतोष महाराज के शरीर की स्थिति से यह पूरा विवाद जुड़ा है। 2014 में उन्हें समाधि की स्थिति में करार देते हुए उनके शरीर को डीप फ्रिजर में रख दिया गया था। इसके बाद उनके समर्थकों का दावा था कि वे इस शरीर में पुनः प्रवेश करेंगे ऐसे मेंं उनके शरीर को संरक्षित करना जरूरी है। इसके बाद से ही यह मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में लंबित है।
कभी महाराज के अपहरण का आरोप लगाया गया तो कभी उनकी हत्या की बात कहते हुए याचिकाएं दाखिल की गई। आखिरकार एक कथित पुत्र सामने आया जिसने आशुतोष महाराज को पिता बता उनके शव का अंतिम संस्कार अपना हक बताते हुए शव सौंपने की अपील की।
इस मामले में सिंगल बेंच ने फैसला सुनाते हुए आशुतोष महाराज का अंतिम संस्कार करने की जिम्मेदारी पंजाब सरकार को सौंप दी थी। इस फैसले को संस्थान, कथित पुत्र, महाराज समर्थकों तथा पंजाब सरकार ने डिवीजन बेंच के सामने चुनौती दी थी। जिस पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया है।