Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Jul, 2017 12:44 AM
जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले के बाद घाटी में सुरक्षा की समीक्षा के लिए आ....
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले के बाद घाटी में सुरक्षा की समीक्षा के लिए आज सेना प्रमुख कश्मीर पहुंचे। दिल्ली में सरकार के शीर्ष स्तर पर बैठकों और मुलाकातों का दौर चला। आतंकवादियों ने कल रात जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों की एक बस पर हमला कर दिया था जिसमें छह महिलाओं समेत सात श्रद्धालु मारे गए और 19 अन्य लोग घायल हो गए। इससे पहले वर्ष 2001 में इस वार्षिक तीर्थयात्रा पर हमला किया गया था, जिसमें 13 लोग मारे गए थे।
बस के चालक सलीम शेख गफूर ने हमले के समय सूझबूझ का परिचय देते हुए बस को तेज गति से भगाकर दर्जनों लोगों की जान बचाई। उसकी सूझबूझ की चौतरफा सराहना हो रही है। इस हमले की अमेरिका, एमनेस्टी इंटरनेशनल, भारत के विभिन्न राजनीतिक दलों ने निंदा की। जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अनंतनाग में अमरनाथ श्रद्धालुओं पर हुए इस हमले ने कश्मीरियत पर से यकीन को हिलाकर रख दिया है। मुख्यमंत्री ने इस घटना को सभी मुसलमानों और कश्मीरियों के लिए एक धम्बा बताया है।
उन्होंने कहा इस हिंसा की घटना ने कश्मीरियत के मूल्यों और संस्कृति को हिलाकर रख दिया है। मुख्यमंत्री कल रात घायलों का हाल-चाल जानने के लिए अनंतनाग के एक अस्पताल गई थीं और उन्होंने वहां पूरी रात बिताई। महबूबा ने आज इस हमले में मारे गए लोगों को पुष्पांजलि अपर्ति की। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत आज सुबह श्रीनगर पहुंचे और राज्यपाल एन. एन. वोहरा और महबूबा सहित कई लोगों से मुलाकात की। प्रवक्ता ने कहा कि सेना प्रमुख ने श्रीनगर में सुरक्षा समीक्षा बैठक भी की जिसमें सेना के वरिष्ठ अधिकारी, पुलिस महानिदेशक एस.पी. वैद्य और मुख्य सचिव बी.बी. व्यास शामिल हुए।
टेलीविजन चैनलों की खबर के अनुसार इस हमले का मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर अबू इस्माईल था हालांकि इस खबर की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई है। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और आतंकी हमले में सात अमरनाथ यात्रियों की मौत की पृष्ठभूमि में अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा बढ़ाए जाने का आदेश दिया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री ने घंटे भर चली बैठक में कश्मीर घाटी खासकर पवित्र गुफा की आेर जाने वाले दो रास्तों में जारी हालात का जायजा लिया। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, गृह मंत्रालय के उच्चाधिकारी, खुफिया एजेंसियों तथा केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए।
इसमें अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा और भविष्य में एेसे संभावित हमलों को रोकने के उपायों पर विस्तार से चर्चा हुई। सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री ने अधिकारियों को यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने का निर्देश दिया। यात्रा 29 जून से शुरू हुई थी, इसका समापन सात अगस्त को हेागा। बैठक के तुरंत बाद, एनएसए ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बैठक में हुई चर्चा की जानकारी दी, साथ ही अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी बताया।