Edited By Updated: 21 Apr, 2017 08:46 AM
पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने पंजाब में चल रहे आॢथक संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सरप्लस बिजली पाकिस्तान व नेपाल को बेचने के लिए राज्य सरकार को अनुमति देने की गुहार लगाई है।
जालन्धर (धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने पंजाब में चल रहे आॢथक संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सरप्लस बिजली पाकिस्तान व नेपाल को बेचने के लिए राज्य सरकार को अनुमति देने की गुहार लगाई है।
आज दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में किसानों की निरंतर आय को बनाए रखने के लिए कृषि क्षेत्र को उत्साहित किया जाए तथा पंजाब को गेहूं व धान के फसली चक्कर में से निकाला जाए। सीमावर्ती क्षेत्रों में पंजाब के किसानों के मसलों को उठाते हुए कैप्टन ने आग्रह किया कि किसानों के लिए केंद्रीय मुआवजा राशि में बढ़ौतरी की जाए ताकि और बेहतर ढंग से सीमा प्रबंधन का कार्य सम्पन्न हो सके। मुख्यमंत्री ने मोदी से कहा कि या तो हिमाचल प्रदेश तथा जम्मू-कश्मीर को औद्योगिक पैकेज बंद किया जाए या फिर उनके समान औद्योगिक पैकेज पंजाब को भी दिया जाए ताकि राज्य में इंडस्ट्री को उत्साहित कर रोजगार के नए अवसर पैदा किए जाएं।
प्रधानमंत्री से हुई मुलाकात के बारे में खुलासा करते मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने बताया कि बैठक काफी अच्छे व सद्भावनापूर्ण माहौल में सम्पन्न हुई। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने मोदी को बताया कि पंजाब में 1000 मैगावाट बिजली सरप्लस है। इसे पाकिस्तान या नेपाल को बेचा जा सकता है, जिससे पंजाब को आॢथक संकट में से बाहर निकलने में मदद मिलेगी तथा साथ ही राज्य के लोगों पर नए टैक्सों का बोझ नहीं डालना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से कहा कि वह केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय को निर्देश जारी करें कि वह राज्य सरकार के पाकिस्तान या नेपाल को बिजली सप्लाई करने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लें। किसानों को मसला उठाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में स्थायित्व आ चुका है तथा किसानों की आमदनी लगातार कम हो रही है, इसलिए अब फसलों के विविधीकरण की जरूरत है। अब अच्छी आय देने वाली फसलों को बीजने की जरूरत है परन्तु मक्की जैसी फसल के लिए एम.एस.पी. न होने के कारण किसान उसको बीजने में दिलचस्पी नहीं दिखाते, इसलिए केंद्र सरकार को ऐसे किसानों की वित्तीय तौर पर मदद करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा कारणों के कारण किसानों को नुक्सान होता है, इसलिए किसानों को दिया जाने वाला मुआवजा 10,000 रुपए प्रति एकड़ वाॢषक से बढ़ाना चाहिए। इसका पूरा बोझ केंद्र को उठाना चाहिए, क्योंकि अभी मुआवजे की आधी राशि राज्य सरकार द्वारा उठाई जाती है। प्रधानमंत्री इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री को दिशा-निर्देश जारी करें।