Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Nov, 2017 09:54 AM
मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने आज केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेतली को पत्र लिख कर समाज के आॢथक तौर पर कमजोर वर्गों को मुफ्त बांटे जाने वाले तैयार भोजन व उसकी सामग्री पर लगाया गया 5 प्रतिशत जी.एस.टी. तुरंत वापस लेने की मांग की।
चंडीगढ़/जालंधर (धवन): मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने आज केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेतली को पत्र लिख कर समाज के आॢथक तौर पर कमजोर वर्गों को मुफ्त बांटे जाने वाले तैयार भोजन व उसकी सामग्री पर लगाया गया 5 प्रतिशत जी.एस.टी. तुरंत वापस लेने की मांग की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह टैक्स पिछड़े व कमजोर वर्गों पर एक बोझ है। उन्होंने अमीरों व गरीबों में अंतर बढ़ाने की केंद्र सरकार की कार्रवाई को गैर-जरूरी करार देते हुए कहा कि पहले ही एक तरफ किसान कर्जों के बोझ तले दबे हुए हैं तथा आत्महत्याएं कर रहे हैं तो दूसरी ओर सरकार ने कमजोर वर्गों के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों को कमजोर करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार को इन वर्गों को बांटे जाने वाले तैयार भोजन को जी.एस.टी. से मुक्त कर देना चाहिए।
जी.एस.टी. कौंसिल से राज्य सरकार को प्राप्त हुए नए टैक्सों बारे बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन टैक्सों का यह प्रभाव होगा कि कल्याणकारी स्कीमों पर केंद्र सरकार द्वारा लगाया गया टैक्स का बोझ राज्य सरकार पर पड़ेगा तथा राज्य सरकार को इन वस्तुओं पर सी.जी.एस.टी. का भुगतान करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली को दखल देने की जरूरत है। कल्याणकारी स्कीमों को जी.एस.टी. से मुक्त रखा जाना चाहिए अन्यथा इसका बोझ गरीब वर्गों पर पड़ेगा जिसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार होगी।