Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Aug, 2017 12:08 PM
पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने आज केंद्रीय खाद्य आपूॢत व उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान से मिलकर 31,000 करोड़ रुपए के खाद्यान्न खरीद ऋण की समीक्षा करने का मुद्दा उठाया है।
जालंधर/दिल्ली(धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने आज केंद्रीय खाद्य आपूॢत व उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान से मिलकर 31,000 करोड़ रुपए के खाद्यान्न खरीद ऋण की समीक्षा करने का मुद्दा उठाया है। मुख्यमंत्री ने पासवान को बताया कि 31,000 करोड़ की राशि का बोझ पंजाब पर अनावश्यक तौर पर डाल दिया गया है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से नए सिरे से रिव्यू कमेटी बनाने का आग्रह किया। पासवान मुख्यमंत्री के सुझावों से सहमत थे तथा उन्होंने बैठक में कैप्टन की कई सिफारिशों को स्वीकार कर लिया। पासवान ने मुख्यमंत्री द्वारा धान की खरीद के मौसम में एक बार प्रयोग हुए बारदाने का फिर से प्रयोग करने की मांग को स्वीकार किया तथा कहा कि इसके अधिक पैसे दिए जाएंगे। इस संबंध में इसी सप्ताह आवश्यक निर्देश जारी कर दिए जाएंगे।
कै. अमरेन्द्र सिंह ने बैठक को सौहार्दपूर्ण करार देते हुए कहा कि केंद्र व पंजाब के अब सचिव स्तर के अधिकारी इन मुद्दों पर आगे बातचीत जारी रखेंगे तथा सभी मुद्दों का निपटारा आपसी बातचीत द्वारा कर लिया जाएगा। पासवान ने कहा कि 31,000 करोड़ रुपए के खाद्यान्न खरीद ऋण मामले की उनके मंत्रालय द्वारा समीक्षा की जाएगी तथा केंद्रीय वित्त मंत्रालय को कै. अमरेन्द्र सिंह द्वारा सुझाई गई बातों की सिफारिशें की जाएंगी। कै. अमरेन्द्र सिंह ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि उनकी सरकार धान खरीद के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस बार 18.2 मिलियन टन चावल होने की उम्मीद है।
मसला हल न हुआ तो पंजाब पर 20 वर्षों तक वाॢषक 3240 करोड़ का बोझ पड़ेगा
सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह का मानना था कि अगर केंद्र आगामी खरीद मौसम से पहले इस मुद्दे का हल नहीं करती तो 29919.96 करोड़ के अंतर को टर्म लोन में परिवर्तित करने के सिवाय कोई चारा नहीं रहेगा। इससे पंजाब सरकार पर वाॢषक 3240 करोड़ रुपए की देनदारी अगले 20 वर्षों तक और बढ़ जाएगी, इसीलिए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मसले का न्यायपूर्ण हल निकलना चाहिए।
पुराने बारदाने का रेट 24 रुपए प्रति किं्वटल तय किया जाए
मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने पासवान से कहा कि धान की फसल को भरने के लिए प्रयोग होने वाले 50 प्रतिशत पुराने बारदाने का रेट बहुत कम तय किया हुआ है, जोकि 10 रुपए प्रति किं्वटल है। उन्होंने सुझाव दिया कि पंजाब राज्य की एजैंसियों को पुराने बारदाने का रेट 24 रुपए प्रति किं्वटल के हिसाब से भुगतान किया जाना चाहिए। उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि राज्य सरकार को खरीद मौसम 2017 में पुराने बारदाने के प्रयोग से छूट दी जानी चाहिए।