Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Jan, 2018 03:13 PM
गैंगस्टर सुखप्रीत की मौत को न ही उसके पारिवारिक सदस्य मानने को तैयार हैं और न ही गांववासी। ऐसे में उसकी मौत संबंधी आज पूरा दिन गांव तथा इलाके में रहस्य बना रहा। पंजाब एवं हरियाणा बार्डर पर हिंदुकोटमल इलाके में पुलिस के साथ हुए एनकाऊंटर में विक्की...
निहाल सिंह वाला/बिलासपुर (बावा/जगसीर): गैंगस्टर सुखप्रीत की मौत को न ही उसके पारिवारिक सदस्य मानने को तैयार हैं और न ही गांववासी। ऐसे में उसकी मौत संबंधी आज पूरा दिन गांव तथा इलाके में रहस्य बना रहा। पंजाब एवं हरियाणा बार्डर पर हिंदुकोटमल इलाके में पुलिस के साथ हुए एनकाऊंटर में विक्की गौंडर व प्रेमा लाहौरिया मारे गए थे। वहीं सुखप्रीत को घायलावस्था में अबोहर के अस्पताल में भर्ती करवाया गया था जहां उसकी भी मौत हो गई, लेकिन उसके पिता मेजर सिंह व गांववासियों का कहना है कि तीसरा व्यक्ति मेरा बेटा सुखप्रीत सिंह नहीं है।
गांव के सरपंच बलदेव सिंह के नेतृत्व में समूची पंचायत के अलावा सुखप्रीत के पिता मेजर सिंह व पारिवारिक सदस्य मृतक की शिनाख्त के लिए अबोहर रवाना हुए। बता दें कि सुखप्रीत गांव कुस्सा गैंगस्टर बनने से पहले गाडिय़ों का एक नंबर का मैकेनिक था और उसमें गाड़ी की आवाज देखकर कमी निकालने की महारत थी। यही नहीं उसे गाड़ी को जहाज की तरह चलाने का तजुर्बा भी था। इस कारण ही वह जहां कई गैंगस्टरों की पहली पसंद बना, वहीं पुलिस से हर मुसीबत में बच निकलने में कामयाब रहा।
ऐसे शुरू हुआ दहशत का सफर
सुखप्रीत सिंह जट सिख किसान परिवार का नौजवान था तथा करीब 4 एकड़ जमीन का मालिक भी था। उसका बड़ा भाई कनाडा में है तथा उसके पिता सफल किसान हैं। उक्त नौजवान जिसने कभी थाने-कचहरी का मुंह नहीं देखा था, उसकी जिंदगी में एक ऐसा मोड़ आया कि अपने दोस्त के साथ हुए तकरार में उससे अपने ही दोस्त की मौत हो गई। इस आरोप में उसके खिलाफ 20 मार्च, 2011 को इरादा कत्ल का मुकद्दमा थाना बधनी कलां में दर्ज हो गया, जिसमें उम्र कैद की सजा हो गई। सजा दौरान पैरोल पर आने के बाद वह भगौड़ा हो गया और चर्चित गैंगस्टर दविन्द्र बंबीहा के ग्रुप में शामिल हो गया। यहीं से उसका दहशत की दुनिया में सफर शुरू हुआ।
विक्की गौंडर से मिलाया हाथ
बङ्क्षठडा में 11 सितम्बर, 2016 को दविन्द्र बंबीहा के पुलिस एनकाऊंटर में मारे जाते समय यह पुलिस को चकमा देने में सफल रहा। इसके बाद अकेला पड़ गया और उसने नाभा जेल में से फरार हुए विक्की गौंडर से हाथ मिला लिया। कुछ महीने पहले यमुनानगर में विक्की गौंडर की गाड़ी पलट गई थी, उस समय भी विक्की गौंडर के साथ उसमें सवार था। जनवरी-2017 को डब्बवाली में कत्ल के मामले में केस दर्ज किया गया, जिसमें उसे पी.ओ. घोषित किया गया था। यही नहीं 14 दिसम्बर, 2017 को गांव रौंता में एक व्यक्ति पर फायरिंग करने के आरोप में थाना निहाल सिंह वाला में 307 तथा आम्र्ज एक्ट का मामला दर्ज किया गया। इसके अलावा पंजाब के अलग-अलग जिलों में कई संगीन मामलों में भी उसका नाम बोलता था।
पुलिस बना रही दबाव
पत्रकारों की टीम ने आज गांव कुस्सा का दौरा किया और उसके पारिवारिक सदस्यों तथा गांववासियों के साथ बातचीत की। उसकी मौसी सुखदर्शन कौर व हाजिर व्यक्तियों ने कहा कि एक तरफ पुलिस उसे मृतक करार दे रही है, वहीं उन पर सुखप्रीत को पुलिस के पास पेश करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इस अवसर पर थाना बधनी कलां के पुलिस प्रभारी मैडम भूपिन्द्र कौर की हाजिरी में पुलिस सुखप्रीत के पारिवारिक सदस्यों के साथ बातचीत करने के लिए हाजिर थी।