Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jan, 2018 08:21 AM
पंजाब में दिनों-दिन बढ़ रहे प्रदूषण के अनेक कारणों में से एक बड़ा कारण फसलों की बचत को आग लगाना भी माना जाता है। बचत को आग लगाने के कारण दूषित हो रहे वातावरण से ङ्क्षचतित प्रवासी भारतीय व शहर के प्रमुख गिल परिवार ने अनोखी पहल कदमी करते उस किसान को...
मोगा (पवन ग्रोवर): पंजाब में दिनों-दिन बढ़ रहे प्रदूषण के अनेक कारणों में से एक बड़ा कारण फसलों की बचत को आग लगाना भी माना जाता है। बचत को आग लगाने के कारण दूषित हो रहे वातावरण से ङ्क्षचतित प्रवासी भारतीय व शहर के प्रमुख गिल परिवार ने अनोखी पहल कदमी करते उस किसान को अपनी 12 एकड़ जमीन ठेके पर देने का फैसला किया है, जो फसल की बचत को आग नहीं लगाएगा। ठेके पर जमीन लेने वाले किसान को ठेका राशि में से भी फसल की बचत नष्ट करने के लिए विशेष छूट दी है। प्रवासी भारतीय के इस सार्थक प्रयास की खेती माहिरों ने प्रशंसा की है।
‘पंजाब केसरी’ द्वारा एकत्रित की गई जानकारी के अनुसार यहां दोसांझ रोड निवासी व अमरीका सैटल प्रवासी भारतीय व सेवामुक्त अध्यापक सरूप सिंह गिल कोठे पत्ती मोहब्बत ने लिखित एग्रीमैंट में कहा है कि इस जमीन में फसल की कटाई उपरांत बचत को आग नहीं लगाएंगे। एग्रीमैंट में यह जिक्र भी किया गया है कि फसल के लिए पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी या कृषि विभाग की सिफारिशशुदा खादों व अन्य कीड़ेमार दवाइयों का प्रयोग ही करेंगे। प्रवासी पंजाबी सेवामुक्त लैक्चरार मलकीत सिंह गिल ने कहा कि फसल की कटाई के बाद अवशेष को आग लगाकर जलाया जा रहा है। चाहे किसानों की बचत को जलाना मजबूरी है, लेकिन विदेशों में पंजाब के दूषित हो रहे वातावरण से लोग बहुत ङ्क्षचतित हैं।
परिवार की अनोखी पहल प्रशंसनीय प्रयास : डा. बराड़
खेतीबाड़ी विभाग की सहायक खेतीबाड़ी विकास अफसर तथा राज्य पुरस्कार विजेता डा. जसविंद्र सिंह बराड़ ने प्रवासी भारतीयों के अनोखे सार्थक प्रयास की प्रशंसा करते कहा कि पराली का धुआं वातावरण को बड़े स्तर पर दूषित करता है, जिससे मानवीय शरीर को भी अनेक बीमारियां लगती हैं। हर वर्ष सड़कों किनारे खड़े अनेक वृक्ष जलने के साथ-साथ किसानों के मित्र कीड़े भी मर जाते हैं। उन्होंने कहा कि हर किसान को पराली जलाने की बजाय इसको जमीन में ही दबाना चाहिए, जिससे फसलों का झाड़ भी फायदेमंद होता है।
प्रवासी भारतीय वातावरण बचाने के लिए इसे लहर बनाएं
प्रमुख प्रवासी भारतीय व शिरोमणि अकाली दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुखविंद्र सिंह बराड़ ने कहा कि वातावरण को स्वच्छ बनाने के लिए हर पंजाबी को अपना बनता रोल निभाना चाहिए। अगर हम अब से न संभले तो वह दिन दूर नहीं जब यहां सांस लेना भी कठिन हो जाएगा। उन्होंने पंजाब के प्रवासी भारतीयों को आह्वान किया कि वे अपनी जमीनों को ठेके पर देते समय पराली वाली शर्त जरूर रखें ताकि मोगा से शुरू हुई यह मुहिम लोक लहर बन सके।