Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Jan, 2018 10:44 AM
थाना समालसर पुलिस ने मैडीकल संचालक नौजवान ओंकार कंडा पुत्र नरेश कुमार निवासी गांव मानूके गिल के मैडीकल स्टोर पर नियमों को नजरअंदाज कर ड्रग इंस्पैक्टर के बिना ही दुकान पर छापेमारी की थी।
मोगा (संदीप): थाना समालसर पुलिस ने मैडीकल संचालक नौजवान ओंकार कंडा पुत्र नरेश कुमार निवासी गांव मानूके गिल के मैडीकल स्टोर पर नियमों को नजरअंदाज कर ड्रग इंस्पैक्टर के बिना ही दुकान पर छापेमारी की थी।
मामला दर्ज होने के कुछ माह बाद पुलिस ने ओंकार कंडा को काबू कर जिला एवं एडीशनल सैशन जज की अदालत में डेढ़ वर्ष पहले पेश किया, जहां अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया था, लेकिन पीड़ित के वकील गगनदीप सिंह बराड़ व रुपिन्द्र सिंह बराड़ ने अदालत में सुनवाई के दौरान सबूतों सहित पुलिस की ओर से झूठी कहानी के आधार पर यह मामला दर्ज करने की बात को साबित किया। इस पर जिला एवं एडीशनल सैशन जज चरणजीत अरोड़ा ने आज इस मामले में पीड़ित ओंकार कंडा को दोष मुक्त कर दिया।
दरअसल पुलिस की ओर से इस मामले में कुछ दवाइयों को अपने कब्जे में लेकर उनके नशीला होने की पुष्टि करते हुए ओंकार कंडा के खिलाफ 1 जुलाई, 2015 को एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था, लेकिन पुलिस ने इस मामले में नाकाबंदी के दौरान उक्त मैडीकल संचालक के पीड़ित के वकील गगनदीप सिंह बराड़ व रुपिन्द्र सिंह बराड़ ने अदालत में सुनवाई के दौरान बरामद दवाइयों की फॉरैंसिक लैब की जांच रिपोर्ट में दवाइयों के नशीले न होने व स्वास्थ्य विभाग के ड्रग इंस्पैक्टर की ओर से भी अदालत में इस संबंध में पीड़ित के हक में अपनी गवाही देने के चलते पूरा मामला अदालत के समक्ष रखा।