अब पंजाब रोडवेज कर्मचारी उतरे सड़कों पर, चक्का जाम

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Feb, 2018 08:18 AM

जाब रोडवेज कर्मचारियों की सांझी एक्शन कमेटी द्वारा आज पंजाब रोडवेज व पनबस कर्मियों ने एक दिवसीय मुकम्मल हड़ताल करके मोगा बस स्टैंड पर डिपो का चक्का जाम करके केन्द्र व पंजाब सरकार खिलाफ रोष प्रदर्शन कर नारेबाजी की।

मोगा (ग्रोवर): पंजाब रोडवेज कर्मचारियों की सांझी एक्शन कमेटी द्वारा आज पंजाब रोडवेज व पनबस कर्मियों ने एक दिवसीय मुकम्मल हड़ताल करके मोगा बस स्टैंड पर डिपो का चक्का जाम करके केन्द्र व पंजाब सरकार खिलाफ रोष प्रदर्शन कर नारेबाजी की। इस अवसर पर एक्शन कमेटी के सदस्य कामरेड जगदीश सिंह चाहल व रशपाल सिंह मौजगढ़ ने कहा कि कैप्टन सरकार घर-घर नौकरी देने का दावा कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ काम पर लगे लोगों को हटाया जा रहा है। इसी कड़ी के तहत पहले सरकारी स्कूल, थर्मल प्लांट, सेवा केन्द्रों के बाद अब पंजाब रोडवेज को बंद करके पनबस को पी.आर.टी.सी. में शामिल करने के लिए सरकार उतावली हुई पड़ी है।

माननीय हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को लागू करने के लिए सरकार जान-बूझकर देरी कर रही है। टाइम टेबलों के लिए प्रमुख सचिव द्वारा पत्र निकालने के बावजूद उस पर कार्रवाई शुरू नहीं की गई। अवैध आप्रेशन में जहां पहले अकाली नेताओं की बसें सरेआम चलती थीं, अब उनमें कांग्रेसी नेताओं की बसें भी शामिल हो गई हैं। पंजाब रोडवेज में न तो पंजाब सरकार बसें शामिल कर रही है और न ही कर्जा मुक्त बसें रोडवेज में शामिल की जा रही हैं। ठेके व आऊटसोर्स कर्मियों को रैगुलर करने का कानून भी सरकार द्वारा ठंडे बस्ते में डाला जा रहा है। उन्होंने सरकार से रोडवेज व पनबस कर्मियों की मांगों की ओर ध्यान देने की मांग की।

6 मार्च को रैलियां कर सरकार को सौंपा जाएगा ज्ञापन  
कामरेड जगदीश सिंह चाहल ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा मोटर व्हीकल बिल को रद्द किया जाए ताकि ट्रांसपोर्ट से संबंधित कारोबारी चिंता मुक्त हो सकें। उन्होंने बताया कि इस बिल के खिलाफ 6 मार्च को जिलों में रैलियां करके ज्ञापन सरकार के नाम भेजे जाएंगे। उन्होंने कहा कि 20 मार्च से पहले इस बिल के खिलाफ पंजाब रोडवेज व पी.आर.टी.सी. कन्वैंशन भी करेंगी।

रोडवेज कर्मियों की मुख्य मांगें
-पंजाब रोडवेज में बसों का फ्लीट बढ़ाया जाए।
-ठेकेदारी सिस्टम को बंद करके रैगुलर भर्ती की जाए।
-टाइम टेबलों में सुधार किया जाए।
-निजीकरण की नीति को बंद किया जाए।
-कर्जा मुक्त बसें रोडवेज में शामिल की जाएं।
-ठेके व आऊटसोर्स कर्मियों को रैगुलर करने का कानून पास किया जाए।

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