Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Feb, 2018 12:46 PM
दहशतगर्दों द्वारा गत 18 जुलाई, 2017 को राजौरी जिले के नौशहरा सैक्टर में शहीद हुए जिला मोगा के गांव तलवंडी भंगेरिया के जसप्रीत सिंह जस्सी का वायदे अनुसार सम्मान करना पंजाब सरकार भूल गई है, जिस कारण शहीद के पारिवारिक सदस्यों व गांव निवासियों में रोष...
मोगा/अजीतवाल(ग्रोवर): दहशतगर्दों द्वारा गत 18 जुलाई, 2017 को राजौरी जिले के नौशहरा सैक्टर में शहीद हुए जिला मोगा के गांव तलवंडी भंगेरिया के जसप्रीत सिंह जस्सी का वायदे अनुसार सम्मान करना पंजाब सरकार भूल गई है, जिस कारण शहीद के पारिवारिक सदस्यों व गांव निवासियों में रोष की लहर है।
जानकारी के अनुसार शहीद की अंतिम अरदास दौरान पहुंचे सरकारी अधिकारियों व पंजाब सरकार के नुमाइंदों ने घोषणा की थी कि शहीद जसप्रीत सिंह ने देश के लिए अपनी जान कुर्बान की है, जिस कारण शहीद के परिवार की आॢथक सहायता की जाएगी। इस दौरान यह भी घोषणा की गई थी कि शहीद के भाई को पुलिस विभाग में नौकरी देने के साथ-साथ 10 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन हैरानी की बात है कि 6 महीने बीत जाने के बावजूद न तो शहीद के भाई को नौकरी मिली है और न ही पूरी सहायता राशि, जबकि जिला सैनिक भलाई दफ्तर द्वारा 5 लाख की सहायता राशि जरूर परिवार को दी गई थी।
क्या कहना है शहीद के पिता का
शहीद के पिता सरबन सिंह ने गांव निवासियों की उपस्थित में बताया कि वह आॢथक तंगी के कारण मेहनत-मजदूरी करके अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं, लेकिन सरकार द्वारा उन्हें घोषित की गई राशि तथा नौकरी हासिल नहीं करवाई जा रही। उन्होंने कहा कि शहीद बेटे का बुत लगाने के लिए पहले गांव स्तर पर प्रोग्राम आयोजित किया गया था, लेकिन पंचायत के पास फंड की कमी के कारण उन्होंने अपने खर्चे पर बुत तो बनवा लिया है, लेकिन उसके लिए जगह मुहैया नहीं करवाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि सरकारी अधिकारियों के चक्कर लगाने के बावजूद समस्याओं का हल नहीं हो रहा। उन्होंने मांग की कि आने वाली पीढिय़ों को शहीद की कुर्बानी संबंधी अवगत करवाने के उद्देश्य से बुत के लिए बनती जगह दी जाए ताकि देश के लिए जान कुर्बान करने वाले जस्सी की कुर्बानी को याद किया जा सके। उन्होंने कहा कि चाहे जिला प्रशासन का कहना है कि नौकरी संबंधी केस भेजा गया है, लेकिन प्रशासन अपने स्तर पर इसको मंजूरी दिलवाने के लिए भी कार्रवाई करे।