Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Jan, 2018 08:40 AM
नगर निगम मोगा शहर में लंबे समय से अन्य के कब्जे में पड़ी जमीनों का कब्जा लेने में फेल साबित हुआ है। शहर के समाज सेवी राजकुमार सिंघल की ओर से शहर की निगम की मलकीयत वाली जमीनों का ब्यौरा लेने संबंधी आर.टी.आई. एक्ट के अधीन ली गई जानकारी में यह खुलासा...
मोगा (पवन ग्रोवर): नगर निगम मोगा शहर में लंबे समय से अन्य के कब्जे में पड़ी जमीनों का कब्जा लेने में फेल साबित हुआ है। शहर के समाज सेवी राजकुमार सिंघल की ओर से शहर की निगम की मलकीयत वाली जमीनों का ब्यौरा लेने संबंधी आर.टी.आई. एक्ट के अधीन ली गई जानकारी में यह खुलासा हुआ है।
जानकारी में पता चला है कि शहर की अलग-अलग स्थानों पर निगम की लगभग 300 एकड़ जमीन अन्य के कब्जे में है और इसकी कीमत करीब 2 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक है। सिंघल ने इस मामले पर तुरंत कार्रवाई की मांग को लेकर मंगलवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह सहित अन्य 14 उच्चाधिकारियों को शिकायत भेजी है।शिकायतकत्र्ता राजकुमार सिंघल ने बताया कि 1969 के दौरान 189 कनाल 6 मरले जमीन निगम के नाम हो चुकी है। निगम ने इस जमीन को अपने कब्जे में तो क्या करना, बल्कि अन्य को इस जमीन के नक्शे भी कथित तौर पर पास करके दे दिए। उन्होंने कहा कि निगम को इस जमीन से कोई लाभ नहीं मिल रहा, बल्कि शहर के कई नामी लोग इस जमीन से लाभ कमा रहे हैं। ऐसे में निगम को बड़ा आॢथक चूना लग रहा है।
शिकायतकत्र्ता ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक अधिकारियों ने जिन जमीनों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाई है, उन जमीनों की रजिस्ट्रियां भी की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सभी दस्तावेज लगाकर शिकायतें भेजी गई हैं। उन्होंने बताया कि सरकारी जमीनों की आड़ में बड़े स्तर पर हो रहे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए 2011 में उस समय के डिप्टी कमिश्नर ने इस मामले पर जिला अटार्नी से पूरे मामले के लिए कानूनी सलाह भी मांगी थी। इस संबंध में जिला अटार्नी ने भी डिप्टी कमिश्नर मोगा को 27 सितम्बर, 2011 को दिए जवाब में कहा था कि सरकारी रिकार्ड से छेड़छाड़ करके कुछ लोगों को कथित लाभ पहुंचाया गया है।