Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Mar, 2018 01:15 PM
वाटनरगंज की 80 एकड़ सरकारी जमीन को निजी लोगों को बेचने का मामला अब गंभीर हो चुका है। एक जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने संबंधित विभागों को सुनवाई करने का आदेश जारी कर दिया है।
मोगा (पवन ग्रोवर): वाटनरगंज की 80 एकड़ सरकारी जमीन को निजी लोगों को बेचने का मामला अब गंभीर हो चुका है। एक जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने संबंधित विभागों को सुनवाई करने का आदेश जारी कर दिया है। साथ ही हाईकोर्ट ने संबंधित विभागों के अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए आदेश में कहा है कि यदि जनहित याचिका की शिकायत पर संबंधित विभागीय अधिकारी कार्रवाई नहीं करते हैं तो याचिका दायर करने वाला फिर से हाईकोर्ट के पास आ सकता है।
हाईकोर्ट के ताजा आदेशों के बाद से राजस्व विभाग के साथ-साथ निगम व प्रशासनिक अधिकारी सकते में हैं। हर अधिकारी अपने बचाव का कानूनी तरीका तलाशने में जुट गया है। आजादी से पहले मोगा के रेलवे स्टेशन के सामने अनाज मंडी व अन्य सामाजिक कार्यों के लिए उस समय के कमिश्नर लार्ड वाटन ने करीब 80 एकड़ जमीन को खाली छोड़ रखा था। इस जमीन पर जिले भर का अनाज बिकने के लिए आता भी रहा है। आजादी के बाद से इस जमीन का नाम वाटनरगंज जमीन के नाम से रैवेन्यू रिकार्ड में चढ़ा दिया गया।
इस सरकारी जमीन को 1967-68 के दौरान उस समय के नगर कौंसिल के नाम और बाद में नगर निगम मोगा के नाम कर दिया गया। चूंकि सरकारी जमीन को निजी लोगों को बेचने के लिए 1940-45 की जमाबंदी के आधार पर नई रजिस्ट्रियां कर दी गईं। निगम को इसकी खबर थी, लेकिन इसके बावजूद निगम के किसी अधिकारी ने अपनी जमीन को बचाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। मामले ने तूल पकड़ा तो वर्ष 2004 के दौरान उस समय के डी.सी. ने वाटनरगंज अधीन आने वाली जमीन की रजिस्ट्रियों पर पाबंदी लगा दी, जो आज भी जारी है।
जमीन 3 हिस्से में हुई थी निगम के नाम
रैवेन्यू रिकार्ड के अनुसार शहर के हलका जीत सिंह तहत आने वाली वाटनरगंज की 72 कनाल 3 मरले जमीन को वर्ष 1967-68 के दौरान मोगा नगर कौंसिल के नाम किया गया। पटवारखाना महिला सिंह के अधीन आने वाली वाटनरगंज की जमीन 3 हिस्से में निगम के नाम हुई। 1969-70 के दौरान वाटनरगंज की 189 कनाल 4 मरले, 253 कनाल 7 मरले व 5 कनाल 7 मरले जमीन को रैवेन्यू रिकार्ड में नगर कौंसिल मोगा के नाम कर दिया गया था।
10 फीसदी भी नहीं हो रही आय
हाईकोर्ट के आदेशों पर जनहित याचिका दायर करने वाले सुरेश सूद वाटनरगंज की जमीन को खाली करवाकर निगम का रैवेन्यू बढ़ाने पर जोर देंगे ताकि निगम की आय बढ़ाकर शहर के विकास को रफ्तार दी जा सके। इस समय निगम को अपनी इस जमीन से जितनी आय होनी चाहिए, उसकी 10 फीसदी भी नहीं हो रही है। वाटनरगंज की जमीन पर इस समय निगम की कुछ दुकानें हैं, जिनका निगम के पास किराया आ रहा है। इस जमीन घोटाले की यदि निष्पक्ष जांच हुई तो रैवेन्यू विभाग के कई अधिकारी व कर्मचारी अपनी नौकरी तक को नहीं बचा सकेंगे और निगम एकदम से अपनी इस जमीन को हासिल कर अपनी आय में लाखों रुपए महीना का इजाफा कर सकेगा।