Edited By Updated: 29 Apr, 2016 10:54 AM
पंजाब की मौजूदा अकाली-भाजपा सरकार के लिए गले की हड्डी बना रहा बहुचर्चित अॉर्बिट बस कांड के एक वर्ष पूरा होने के
लंडेके/मोगा (ग्रोवर): पंजाब की मौजूदा अकाली-भाजपा सरकार के लिए गले की हड्डी बना रहा बहुचर्चित अॉर्बिट बस कांड के एक वर्ष पूरा होने के बावजूद भी अभी तक इस हादसे में मृतक नन्ही अर्शदीप का परिवार सरकारी नौकरी की प्रतीक्षा कर रहा है। 29 अप्रैल, 2015 की मनहूस शाम लंडेके गांव के दलित वर्ग से संबंधित सुखदेव
सिंह पर कहर बन कर टूट पड़ी थी, जब उनकी लाडली बेटी अॉर्बिट बस में हादसे का शिकार होकर इस दुनिया से रुख्सत हो गई थी। यह मामला मीडिया में आने के बाद पंजाब में सरकार विरोधी पार्टियों ने इसे मुख्य मुद्दे के तहत उभार लिया था। एक वर्ष पहले मोगा शहर दुनिया भर की मीडिया में सुर्खियों में रहा।
आज जब ‘पंजाब केसरी’ टीम ने अर्शदीप के गांव लंडेके का दौरा किया तो अपनी बेटी की बरसी से अंजान अर्शदीप का पिता अपने 18 वर्ष पुराने घर को पुन: बनाने के लिए मिट्टी के भट्ठ उठा कर भर्त डालने का काम कर रहा था तथा अर्शदीप की मां छिंदर कौर रोजाना की तरह अपने घर के कामकाज में लगी हुई थीं। पत्रकारों के पहुंचने पर जब उनको इस बात का पता चला कि उनकी बेटी को इस संसार से गए एक वर्ष पूरा हो गया है तो छिंदर कौर व उसका पति सुखदेव सिंह रो पड़े और उन्होंने अपनी बेटी की तस्वीर पर हार डाल कर उसकी आत्मिक शांति के लिए अरदास की।
दुखी मन से बातचीत करते हुए मरहूम अर्शदीप के पिता सुखदेव सिंह ने बताया कि चाहे उनकी बेटी इस संसार से सदा के लिए चली गई है, लेकिन आज उनको अपने बेटे आकाशदीप में अपनी बेटी अर्शदीप की झलक मिलती है। सुखदेव ने बताया कि बस कांड के मामले में उनके परिवार को सहायता के तहत मिले 24 लाख रुपए उन्होंने संभाल कर रखे हुए हैं, जिनमें से 10 लाख रुपए खुद सुखदेव के नाम, 10 लाख रुपए उसकी पत्नी छिंदर कौर, जबकि 4 लाख रुपए उनके बेटे आकाशदीप के नाम पर बैंक में जमा करवाए हुए हैं।
सुखदेव ने कहा कि सरकार ने उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने, गांव लंडेके के स्कूल को बारहवीं तक अपग्रेड करने, स्कूल का नाम अर्शदीप के नाम पर रखने के अलावा बेटे आकाशदीप की पढ़ाई का खर्चा देने के वायदे अभी तक पूरे नहीं किए। उन्होंने कहा कि एक वर्ष पहले जब उनकी बेटी का शव सिविल अस्पताल मोगा में पड़ा था तब विभिन्न राजनीतिक पाॢटयों ने उनकी बेटी के शव पर राजनीतिक रोटियां सेंकीं तथा अपने-अपने घर को चलते बने, लेकिन उक्त दिन बीत जाने के बावजूद अभी तक किसी भी राजनीतिक पार्टी के नेता ने उनके परिवार की सुध नहीं ली।
क्या कहना गण्यमान्यों का
इस मामले संबंधी जब पूर्व मंत्री व पंजाब महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष डा. मालती थापर से बात की तो उन्होंने कहा कि पंजाब में सत्ता पर काबिज अकाली-भाजपा सरकार ने पैसों के जोर पर जहां इस मामले में गवाहों को खरीद लिया, वहीं अॉर्बिट बस के मालिक बादल परिवार ने अपने आपको भी इस घिनौने अपराध से बचा लिया। उन्होंने कहा कि पंजाब में गुंडा राज चल रहा है तथा बहू-बेटियों की इज्जत महफूज नहीं है।
विधानसभा हलके के विधायक जोगिंद्र पाल जैन से बात की तो उन्होंने कहा कि जब परिवार से समझौता हुआ तो तब वह बीच में नहीं थे। परिवार या गांव से संबंधित जो मांगें मानी गई हैं उनको पूरा करवाने के लिए वह मुख्यमंत्री तथा उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल से बात करेंगे। सीनियर कांग्रेसी नेता व पूर्व वित्त मंत्री पंजाब मनप्रीत सिंह बादल से बात की तो उन्होंने कहा कि समय के हालात बहुत कुछ करवा देते हैं तथा लोगों की मजबूरियों से खेलना सत्ता पर काबिज बादल परिवार की फितरत है।
परिवार व गांव की मांगें होंगी पूरी : डिप्टी कमिश्नर
अॉर्बिट बस कांड में मरने वाली मरहूम अर्शदीप के नाम पर गांव लंडेके के स्कूल को अपग्रेड करने व स्कूल का नाम अर्शदीप के नाम पर रखने के अलावा अर्शदीप के पारिवारिक सदस्य को सरकारी नौकरी देने के वायदे पूरे न होने संबंधी जब डिप्टी कमिश्नर मोगा कुलदीप सिंह वैद्य से बात की तो उन्होंने कहा कि इस मामले की पूरी फाइल उनसे मंगवा ली गई है तथा वह बहुत जल्द इस मामले को उच्चाधिकारियों व पंजाब सरकार तक ले जाएंगे।