Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Jan, 2018 11:49 AM
तीन गुरु साहिबानों की पवित्र चरण स्पर्श धरती तख्तुपूरा साहिब में 40 मुक्तों की याद में शुरू हुए ऐतिहासिक माघी मेले के लिए गत दिवस प्रशासन व गुरुद्वारा कमेटी के बीच चले विवाद के बाद आखिरकार प्रशासन को सिख संगत के आगे घुटने टेकने को मजबूर होना पड़ा।...
निहाल सिंह वाला/बिलासपुर (बावा/जगसीर): तीन गुरु साहिबानों की पवित्र चरण स्पर्श धरती तख्तुपूरा साहिब में 40 मुक्तों की याद में शुरू हुए ऐतिहासिक माघी मेले के लिए गत दिवस प्रशासन व गुरुद्वारा कमेटी के बीच चले विवाद के बाद आखिरकार प्रशासन को सिख संगत के आगे घुटने टेकने को मजबूर होना पड़ा। प्रशासनिक अधिकारी आज दूसरे दिन नजर ही नहीं आए। पूर्व शिरोमणि कमेटी मैंबर तथा शिरोमणि अकाली दल (ब) के राष्ट्रीय नेता जत्थेदार हरिन्द्र सिंह रनियां ने तख्तूपुरा साहिब का दौरा किया तथा हालात का जायजा लिया।
जिक्रयोग्य है कि इस तीर्थ स्थान तथा धार्मिक जोड़ मेले की मंजूरी के नाम पर प्रशासन द्वारा गुरुद्वारा कमेटी से 1 लाख रुपए फीस की मांग की जा रही थी तथा फीस न देने पर धक्के से दुकानदारों की रैडक्रॉस की पॢचयां काटनी शुरू कर दी गई थीं। इसको लेकर समूह गुरुद्वारा कमेटी तथा सिख संगत ने प्रशासन का विरोध किया और आखिरकार प्रशासन को झुकना पड़ा। पत्रकारों से बातचीत करते हुए जत्थेदार हरिन्द्र सिंह रनियां ने कांग्रेस पार्टी द्वारा सिख गुरुधामों से धक्के से पैसे वसूल करने की निंदा करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी की सिख विरोधी नीति का लोग मुंहतोड़ जवाब देंगे।
उन्होंने कहा कि यदि राज्य का खजाना खाली है तो इसका मतलब यह नहीं कि श्रद्धालुओं द्वारा गुरु घरों के लिए दान की राशि पर सरकार डकैती मारे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह गुरु घर को मानने वाले इंसान हैं तथा उनको तुरंत ऐसे अफसरों के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए, जो धार्मिक स्थानों से रैडक्रॉस के नाम पर पैसे वसूल कर रहे हैं। उन्होंने माघी मेले के दौरान प्रशासन की अनदेखी से पैदा हुई टै्रफिक समस्या की भी ङ्क्षनदा करते हुए कहा कि जोड़ मेले के लिए प्रशासन की ओर से पुख्ता प्रबंध नहीं किए गए, जिससे श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ा।