टूर्नामैंट करवाने के मामले पर कांग्रेसी व अकाली हुए ‘आमने-सामने’

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Mar, 2018 10:01 AM

congress and akali face to face

किसी समय गांवों में बड़ी भाईचारक सांझ रखने वाले पंजाबी अब गांवों में हद से अधिक राजनीतिक दखलअंदाजी कारण गुटबंदी का शिकार होने लगे हैं। चाहे इस रवैये के लिए पंजाब की 2 प्रमुख पार्टियों के नेता कई स्थानों पर सीधे तौर पर जिम्मेदार नजर आ रहे हैं, लेकिन...

मोगा (ग्रोवर): किसी समय गांवों में बड़ी भाईचारक सांझ रखने वाले पंजाबी अब गांवों में हद से अधिक राजनीतिक दखलअंदाजी कारण गुटबंदी का शिकार होने लगे हैं। चाहे इस रवैये के लिए पंजाब की 2 प्रमुख पार्टियों के नेता कई स्थानों पर सीधे तौर पर जिम्मेदार नजर आ रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि गांवों में गुटबंदी की आग का असर अब सामाजिक कार्यों पर भी पड़ रहा है, जिसके भविष्य में नतीजे और भी गंभीर हो सकते हैं। ताजा मामला मोगा जिले के गांव कपूरे का है, जहां बाबा सैयद कबीर की याद में करवाए जाने वाले धार्मिक मेले में होने वाले खेल टूर्नामैंट की तारीखें कांग्रेस व अकाली दल के नेताओं की सरपरस्ती वाले 2 खेल क्लबों ने एक ही समय में 23, 24 व 25 मार्च को श्री गुरु गोबिंद सिंह खेल स्टेडियम में रखकर गांव को गुटबंदी में बांटकर रख दिया है, वहीं इस मामले पर गांव के अकाली तथा कांग्रेसी नेता भी ‘आमने-सामने’ हो गए हैं। इसी तरह की बनी स्थिति कारण गांव में स्थिति तनावपूर्ण बन गई है।

‘पंजाब केसरी’ टीम द्वारा आज जब इस मामले की जमीनी हकीकत जानने के लिए गांव का दौरा किया गया तो गांव की दीवारों व घरों के आगे दोनों कमेटियों द्वारा करवाए जा रहे एक दिन के टूर्नामैंट के बड़े व छोटे पोस्टर लगे दिखाई दे रहे थे। गांव की चौपाल में बैठे कुछ व्यक्तियों का कहना है कि दोनों गुटों को मिल-जुलकर खेल मेला करवाना चाहिए क्योंकि इस कारण गांव की सामाजिक सांझ को जरूर ठेस पहुंची है। दोनों गुटों द्वारा शुरू की बराबर के टूर्नामैंट की सरगर्मियों कारण किसी भी पक्ष से संबंध न रखने वाले गांव निवासी जरूर इस मामले पर चिंतित हैं। उन्होंने मांग की कि प्रशासन को इस मामले का सार्थक हल निकालना चाहिए।

पंचायत को नई कमेटी ने नहीं लिया आश्वासन में, माननीय कोर्ट का खटखटाया दरवाजा : सरपंच सोहन सिंह
गांव के सरपंच सोहन सिंह ने कहा कि बाबा नंद सिंह स्पोर्ट्स क्लब के कार्यकत्र्ताओं द्वारा पिछले 15 से भी अधिक वर्षों से यह टूर्नामैंट करवाया जा रहा है, लेकिन इस बार एक और बनी कमेटी ने इस दिन ही टूर्नामैंट रख दिया है, जिस कारण गांव में स्थिति तनावपूर्ण बन गई है। उन्होंने कहा कि नई कमेटी ने टूर्नामैंट करवाने संबंधी पंचायत से कोई संपर्क नहीं किया, जिस कारण पंचायत व गांव निवासियों ने माननीय हाईकोर्ट व सैशन कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसकी सुनवाई अभी होनी बाकी है।

अकाली दल के नेता जान-बूझकर गांव का माहौल खराब कर रहे बाबा परम कपूरे
नई बने बाबा सैयद कबीर वैल्फेयर एवं स्पोर्ट्स क्लब के समर्थक व सीनियर महिला कांग्रेसी नेता परमजीत कौर परम कपूरे का कहना है कि अकाली दल के नेता जान-बूझकर गांव का माहौल कथित तौर पर खराब करना चाहते हैं। पहले अकाली दल की सरकार के समय पुरानी कमेटी ने टूर्नामैंट करवाया था, अब सरकार बदलने पर कांग्रेसी नेताओं को टूर्नामैंट करवाने का हक दिया जाए। उन्होंने कहा कि पहले पुरानी कमेटी की मुनियादी करवाकर नई कमेटी गांव की सहमति से बनाने के लिए प्रेरित किया गया था, लेकिन पुरानी कमेटी के किसी भी नेता द्वारा जनसमूह में न आने कारण नया क्लब बनाया गया है। उन्होंने कहा कि हम शांतमयी ढंग से मेला करवाना चाहते हैं। 

17 मार्च को भी हुआ था खेल स्टेडियम में दोनों पक्षों में विवाद
गांव में चाहे दोनों गुट टूर्नामैंट करवाने के लिए समूची तैयारियां मुकम्मल करने में लगे हुए हैं, लेकिन यह मामला अभी माननीय अदालत में सुनवाई तहत है। गत 17 मार्च शाम को गुरु गोङ्क्षबद सिंह खेल स्टेडियम में तब विवाद हो गया, जब नई बनी कमेटी के एक सदस्य ने खेल स्टेडियम की ग्राऊंड को ट्रैक्टर से तैयार करना शुरू कर दिया, जबकि पुरानी कमेटी के सदस्य इसके विरोध में उतर आए। मामला थाने भी पहुंच गया, जिसके उपरांत इसको पुलिस प्रशासन द्वारा शांत करवाया गया।

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