Edited By Updated: 03 Oct, 2015 01:23 AM
जिले में लगभग 5 महीने पहले हुए बहुचर्चित आर्बिट बस कांड में 1 दलित परिवार की लड़की की मौत हो जाने के बाद...
मोगा(ग्रोवर): जिले में लगभग 5 महीने पहले हुए बहुचर्चित आर्बिट बस कांड में 1 दलित परिवार कीलड़की की मौत हो जाने के बाद इंटरनैशनल स्तर पर मामला उछल जाने के चलते पंजाब सरकार ने 5 मई को केरल हाईकोर्ट के सेवामुक्त चीफ जस्टिस वी.के. बाली की देख-रेख में कमीशन का गठन किया था।
जिसके तहत इस कमीशन ने अपना काम मोगा में गत दिन से शुरू कर दिया है। मोगा के रैस्ट हाऊस में आज दूसरे दिन जस्टिस वी.के. बाली द्वारा मरहूम अर्शदीप कौर की दादी सुरजीत कौर के अलावा अन्य तीन गवाहों के बयान कलमबद्ध किए गए। इसके अलावा कमीशन ने मोगा सब-जेल में जाकर इस मामले में जेल अंदर बस चालक रणजीत सिंह निवासी चक राम सिंह वाला, कंडक्टर सुखविंदर सिंह निवासी बहावलपुर अबोहर, हैल्पर गुरदीप सिंह निवासी मोगा तथा अमर राम को मिलकर उनसे घटना संबंधी जानकारी की।
कमीशन द्वारा इस जांच को मुकम्मल रूप से गुप्त रखा जा रहा है, जिसके चलते जहां कमीशन ने मीडिया से मुख मोड़ा है, वहीं 2 दिनों के दौरान कमीशन द्वारा की गई कार्रवाई संबंधी किसी अधिकारी ने अपना मुंह नहीं खोला। आज जस्टिस बाली ने गांव गिल नजदीक घटनास्थल और मृतक लड़की के गांव लंडेके का दौरा किया। सूत्रों ने इस बात को भी बेपर्दा किया कि मृतक लड़की अर्शदीप कौर का पिता सुखदेव सिंह गांव में नहीं है और जिसे अभी तक कमीशन का कोई मैंबर नहीं मिल सका।
वर्णनीय है कि आर्बिट बस की मालिकी बादल परिवार के पास होने के कारण 29 अप्रैल को हुई घटना के बाद मोगा शहर राजनीतिक अखाड़ा बन गया था और 3 मई को प्रशासन द्वारा पीड़ित परिवार के एक मैंबर को सरकारी नौकरी, 20 लाख रुपए जिला प्रशासन द्वारा एक्सग्रेशिया ग्रांट, केन्द्रीय एस.सी. कमीशन के आदेशों अनुसार 5 लाख रुपए, अनुसूचित जाति वैल्फेयर भलाई फंड में लड़की की मां घायल ङ्क्षछदर कौर के इलाज के लिए 1 लाख 20 हजार रुपए और लड़की के भाई अकाशदीप की पढ़ाई के लिए 4 लाख रुपए आदि शर्तें मानने के साथ परिवार के साथ समझौता हो गया था और 3 मई को ही तारों की छाया में रात 8 बजे अर्शदीप कौर का अंतिम संस्कार पुलिस की सुरक्षा में किया गया था।