Edited By Updated: 29 Aug, 2016 12:40 AM
शिक्षा मंत्री डा. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि सरकारी स्कूलों में ठेके पर आधारित अध्यापकों की सेवाएं तभी लागू हो...
लुधियाना(विक्की): शिक्षा मंत्री डा. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि सरकारी स्कूलों में ठेके पर आधारित अध्यापकों की सेवाएं तभी लागू हो सकती हैं अगर वे नियमों के मुताबिक अध्यापक योग्यता परीक्षा (टी.ई.टी.) पास कर लें। आज यहां एक्सटैंशन लाइब्रेरी में एन.जी.ओ. संकल्प की तरफ से मेधावी छात्रों के सम्मान समारोह में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे डा. चीमा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि नियमों के मुताबिक ही सरकार अध्यापकों की सेवाएं शिक्षा विभाग में रैगुलर कर सकती हैं।
डा. चीमा ने कहा कि विद्या टी.वी. प्रोजैक्ट कुछ तकनीकी कारणों के चलते अटका हुआ है जिसके समाधान के लिए सरकार केंद्रीय ब्राड कासिं्टग मिनिस्ट्री से बातचीत कर रही है। उन्होंने कहा कि मैरीटोरियस स्कूलों की विद्याॢथयों को कम्पीटैटिव एग्जाम की तैयारी करवाने के लिए कोङ्क्षचग की व्यवस्था 12वीं के छात्रों के लिए आने वाले दिनों में शुरू हो जाएगी। इसके लिए सरकार ने कोङ्क्षचग देने वाले इंस्टीच्यूट से टैंडर कॉल कर लिए हैं।
शिक्षा मंत्री ने दोहराया कि राइट टू एजुकेशन एक्ट-2009 के अधीन निजी स्कूलों को पंजाब सरकार द्वारा पक्की मान्यता देने का जो फैसला किया गया है, उस पर सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को अमल करना होगा। अगर किसी स्कूल के खिलाफ कोई भी शिकायत प्राप्त होती है तो सरकार यह मान्यता वापस ले लेगी।
एस.एस.ए. रमसा यूनियन ने जताया एतराज
शिक्षा मंत्री द्वारा ठेके पर आधारित अध्यापकों की सेवाएं रैगुलर करने से पहले उन पर टी.ई.टी. पास करने के दिए गए बयान पर एस.एस.ए. रमसा अध्यापक यूनियन पंजाब के दीदार सिंह मुदकी ने कहा कि उन पर ऐसी कोई भी शर्त लागू नहीं होती, क्योंकि उन्होंने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय से सेवाएं रैगुलर करने संबंधी बात की थी। इस दौरान उन्हें मालूम हुआ कि टी.ई.टी. की शर्त केवल भर्ती प्रक्रिया के लिए जरूरी है न कि अध्यापकों की सेवाएं रैगुलर करने के लिए। सरकार जान-बूझकर अध्यापकों को उलझाने का प्रयास कर रही है।