Edited By Updated: 30 Aug, 2016 01:59 PM
जिला टास्क फोर्स की टीम ने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के पुलिस दल के साथ सांझे आप्रेशन के दौरान बस्ती ..
लुधियाना (खुराना): जिला टास्क फोर्स की टीम ने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के पुलिस दल के साथ सांझे आप्रेशन के दौरान बस्ती जोधेवाल के नजदीक पड़ते 2 औद्योगिक घरानों पर छापेमारी करते हुए 10 बाल मजदूरों को आजाद करवाने में सफलता प्राप्त की है।
आजाद करवाए गए बच्चों में से अधिकतर के मानव तस्करी का शिकार होने की आशंका व्यक्त की जा रही है जोकि बिहार के अलग-अलग ग्रामीण व शहरी इलाकों से संबंध रखते हैं जबकि ज्यादातर के माता-पिता भी यहां नहीं रहते। चाइल्ड वैल्फेयर कमेटी द्वारा कागजी कार्रवाई करने के बाद उन सभी बच्चों को बालगृह कुराली भेज दिया गया जिनके माता-पिता उन्हें विभागीय कार्रवाई के बाद लेने नहीं पहुंचे।प्राप्त जानकारी के अनुसार छापेमारी टीम में 8 विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारी शामिल थे जिसकी कमान साहनेवाल के तहसीलदार हरमिंद्र सिंह संधू व एंटी ह्यूमन टै्रफिकिंग यूनिट के पुलिस इंस्पैक्टर कर्मजीत सिंह ने संभाल रखी थी।
छापेमारी की इस कार्रवाई को बचपन बचाओ आंदोलन (बी.बी.ए.) संस्था के पंजाब को-आर्डीनेटर दिनेश शर्मा व हरचरण सिंह की शिकायत पर अंजाम दिया गया। इस दौरान लेबर विभाग फैक्टरी विंग के असिस्टैंट डिप्टी डायरैक्टर मोहित सिंगला, नोडल अफसर हरदीप सिंह घुम्मन, कमलजीत सिंह इंस्पैक्टर, प्रदीप कुमार, शिक्षा विभाग के हरमिंद्र सिंह आदि मुख्य तौर पर उपस्थित रहे। ए.डी.डी. मोहित सिंगला व नोडल अफसर हरदीप सिंह घुम्मन ने बताया कि बी.बी.ए. संस्था की शिकायत पर बस्ती जोधेवाल स्थित जी.एन. टावर, लक्की एन्क्लेव में पड़ती फेकु फैब्रिक्स व स्नेहा निटवियर के 2 यूनिटों में दबिश दी गई जहां पर क्रमश: 7 व 3 बच्चे बाल मजदूरी करते हुए पाए गए। बच्चों को आजाद करवाकर उन्हें डाक्टरी जांच के लिए सिविल अस्पताल में लाया गया व फैक्टरी मालिक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बच्चों के बयान कलमबद्ध करने के साथ ही विभागीय जांच की जा रही है।