Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Dec, 2017 02:01 PM
नगर निगम ने साफ कर दिया है कि अगर स्वच्छता सर्वेक्षण में सड़कों किनारे कूड़ा जमा होने को लेकर लुधियाना रैंकिंग डाऊन आई तो ए-टू-जैड कम्पनी की अब खैर नहीं। इसके तहत कम्पनी के अफसरों की मीटिंग बुलाकर कूड़े की लिफ्टिंग के लिए मशीनरी बढ़ाने के आदेश दिए...
लुधियाना (हितेश): नगर निगम ने साफ कर दिया है कि अगर स्वच्छता सर्वेक्षण में सड़कों किनारे कूड़ा जमा होने को लेकर लुधियाना रैंकिंग डाऊन आई तो ए-टू-जैड कम्पनी की अब खैर नहीं। इसके तहत कम्पनी के अफसरों की मीटिंग बुलाकर कूड़े की लिफ्टिंग के लिए मशीनरी बढ़ाने के आदेश दिए गए हैं। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 का आगाज 4 जनवरी से किया जाएगा। इस संबंधी मंगलवार को ए-टू-जैड कम्पनी के अफसरों के साथ बैठक की गई और उन्हें बताया गया कि सर्वेक्षण का मुख्य पहलू सड़कों किनारे कूड़ा जमा होने की जिम्मेदारी ए-टू-जैड कम्पनी की है। कम्पनी ने अफसरों के समक्ष सालिड वेस्ट मैनेजमैंट जल्द चालू होने का दावा किया है। लेकिन निगम अफसरों ने साफ कर दिया है कि अगर कम्पनी की वजह से रैंकिंग डाऊन हुई तो उस पर नियमों मुताबिक सख्त कारवाई की जाएगी। कम्पनी को कूड़े की लिफ्टिंग के लिए गाडिय़ां बढ़ाने व प्लांट चालू करने को कहा गया है।
स्मार्ट सिटी की योजनाओं पर भी पड़ेगा असर
निगम के लिए स्व‘छता सर्वेक्षण में बढिय़ा रैंकिंग हासिल करना इसलिए भी जरूरी है। अभी केंद्र द्वारा स्मार्ट सिटी से जुड़ी योजनाओं को मंजूरी देने का फैसला होना है। जब लुधियाना को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित करने के लिए चुना गया तो उस समय भी स्व‘छ भारत मिशन के तहत किए गए कामों को आधार बनाया गया था।
मीट विक्रेताओं को पढ़ाया स्वच्छता का पाठ
नगर निगम ने स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत मीट विक्रेताओं के साथ भी मीटिंग की। उन्हें कहा गया कि अपनी दुकानों पर सफाई रखें और मांस की वेस्टेज को खुले में न फैंके। नियमों का पालन न करने पर चालान काटने सहित मांस नष्ट करने की चेतावनी दी गई है।
रैंकिंग की जगह मिलेगी ग्रेडिंग
पी.एम. मोदी के ड्रीम प्रोजैक्ट स्वच्छ भारत मिशन के तहत अब तक हुए कामों के परिणाम जानने के लिए हर साल स्व‘छता सर्वेक्षण करवाया जा रहा है। जिसे पहले चरण में स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किए जाने वाले शहरों में शुरू किया गया है। फिर आबादी के हिसाब से सर्वे में शहरों की संख्या बढ़ाई गई है, क्योंकि यह सर्वे देशभर में होने जा रहा है। इसके मद्देनजर रैंकिंग की जगह ग्रेङ्क्षडग की जाएगी, जिसमें नगर निगमों वाले शहरों को ए, बी, सी व डी ग्रेड मिलने हैं।